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कश्मीर टेरर फंडिंग: गवाहों की जानकारी आरोपियों के वकीलों को नहीं देगी NIA

NIA के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी के वकील ने गवाहों के बयानों समेत विस्तृत जानकारी मांगी है. इंडिया टुडे के पास मौजूद जानकारी के अनुसार NIA ने 23 गवाहों की जानकारी बचाव पक्ष के वकीलों के साथ साझा करने में असमर्थता जताई है. ये गवाह नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी एक्ट, 2008 के सेक्शन 17 के तहत संरक्षण के दायरे में आते हैं.

एनआईए, फाइल फोटो एनआईए, फाइल फोटो
खुशदीप सहगल/कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:51 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से कश्मीर टेरर फंडिंग केस में आरोपियों के वकीलों को गवाहों की जानकारी नहीं दी जाएगी. इस मामले में NIA की स्पेशल कोर्ट में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी.

NIA के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी के वकील ने गवाहों के बयानों समेत विस्तृत जानकारी मांगी है. इंडिया टुडे के पास मौजूद जानकारी के अनुसार NIA ने 23 गवाहों की जानकारी बचाव पक्ष के वकीलों के साथ साझा करने में असमर्थता जताई है. ये गवाह नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी एक्ट, 2008 के सेक्शन 17 के तहत संरक्षण के दायरे में आते हैं.

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एक्ट के मुताबिक अगर स्पेशल कोर्ट संतुष्ट है कि ऐसे गवाहों की जान को खतरा हो सकता है तो उनकी पहचान और पता गोपनीय रखी जा सकती है.  

कश्मीर टेरर फंडिंग केस में नामजद 12 अभियुक्तों में से 6 ने जमानत के लिए याचिका दी है इनमें अलगाववादी नेता राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बिट्टा कराटे, पीर सैफुल्ला, शाहिद उल इस्लाम, अकबर खांडे और अल्ताफ फंटूश शामिल हैं. 

याचिका की सुनवाई कर रहीं स्पेशल एनआईए जज पूनम बाम्बा ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 7 सितंबर की तारीख तय की है. बता दें कि इस केस में अभियुक्त कारोबारी जहूर वटाली की जमानत याचिका जून में कोर्ट की ओर से खारिज की जा चुकी है. वटाली ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था. साथ ही चलने के लिए स्टिक भी मांगी थी. कश्मीर टेरर फंडिंग केस में सबसे पहले गिरफ्तार हुए नईम खान की ओर से याचिका दाखिल नहीं की गई है.

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NIA ने 2017 के कश्मीर टेरर फंडिंग केस में 12 लोगों को नामजद किया था. इनमें हिज्बुल मुजाहीदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी शामिल है. सलाहुद्दीन और हाफिज को छोड़ दस अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. दक्षिण कश्मीर के फोटोग्राफर कामरान यूसुफ समेत दो आरोपियों को ही जमानत मिल सकी है.

इस बीच, सूत्रों ने बताया कि कश्मीर टेरर फंडिंग केस में दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आसिया अंद्राबी और उसकी दो सहयोगियों से भी जल्द पूछताछ की जाएगी.

कश्मीर टेरर फंडिंग केस में दुख्तराने मिल्लत का नाम एफआईआर में आया था लेकिन जांच एजेंसी ने इसकी प्रमुख आसिया अंद्राबी से अभी पूछताछ नहीं की है. अलगाववादी नेता आसिया और उसकी दो सहयोगियों को देशद्रोह से जुड़े अन्य मामले में हाल में 30 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. तीनों पर हिंसा भड़काने, जम्मू और कश्मीर को अलग करने की कथित तौर पर मांग करने और देशद्रोह जैसे आरोप हैं. 

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