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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां बोलीं- कानून में देर है, लेकिन अंधेर नहीं

सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्भया गैंग रेप मामले में सभी दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने का पीड़िता के परिजनों ने स्वागत किया है. पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से उनकी बेटी को इंसाफ मिला है.

निर्भया की मां ने की आजतक से खास बातचीत निर्भया की मां ने की आजतक से खास बातचीत
नेहा बाथम
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2017,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST

सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्भया गैंग रेप मामले में सभी दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने का पीड़िता के परिजनों ने स्वागत किया है. पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से उनकी बेटी को इंसाफ मिला है. हम सबको इंसाफ मिला है, लेकिन बेटी को खोने का मलाल सब दिन रहेगा. उन्होंने कहा, 'हमारी कानून व्यवस्था थोड़ी लचर जरूर है, लेकिन आज मैं मानती हूं कि कानून में देर हैं, लेकिन अंधेर नहीं है.' उन्होंने कहा कि सिस्टम के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. निर्भया की मां से देश के सभी लोगों से लड़कियों की सुरक्षा में सहयोग की अपील की, ताकि बेटियां देश में सुरक्षित महसूस करें.

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वहीं, निर्भया के पिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनके परिवार के लिए जीत है. उन्होंने कहा, 'मैं शीर्ष अदालत के इस फैसले से बेहद खुश हूं.' शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले निर्भया की मां आशा देवी ने 'आज तक' से बात करते हुए कहा था कि पिछले 5 साल में कई बार खुद को टूटा हुआ महसूस किया, कई बार लगा की न्याय नहीं मिलेगा. लेकिन जिस दिन का हमें इंतजार था, इस दिन के लिए मैं सभी देशवासियों का धन्यवाद करती हूं.

सरकार को ऐसे हादसों से फर्क नहीं पड़ता
उन्होंने कहा कि पहले निर्भया को कोई नहीं जानता था, लेकिन फिर भी लोगों ने उसका साथ दिया. आज भी ऐसे हादसे नहीं रुके हैं. निर्भया की मां ने कहा कि सरकार को ऐसे हादसों से फर्क नहीं पड़ता है, कहने के लिए काफी छोटी बात है कि रेप हो गया, लेकिन सिस्टम को इस बारे में सोचना चाहिए और कड़ा एक्शन लेना चाहिए.

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टीवी पर बात करने से नहीं निकलेगा हल
उन्होंने कहा कि टीवी पर बयान देने और डिबेट करने से इसका हल नहीं निकलेगा, उन्होंने कहा कि जब तक कड़ा कानून नहीं बनेगा तब तक इस पर हमें न्याय नहीं मिलेगा. सरकार का इस मुद्दे पर संवेदनशील होना काफी जरूरी है.

लड़की के परिवार को माना जाता है दोषी
रेप होने के बाद लड़की के परिवार को ही दोषी माना जाता है, कि हमने सही संस्कार नहीं दिया. लोग कहते हैं कि लड़की ने छोटे कपड़े पहने थे इसलिए रेप हो गया, लड़कों वालों की इसको लेकर सोच बदलनी होगी.

5 साल तक दर्द को झेला
निर्भया की मां बोलीं कि लोग कहते हैं कि हम महिलाओं का सम्मान करते हैं लेकिन उसे अमल में नहीं लाते हैं. सरकार को अपनी सोच बदलने की जरुरत है, इसका हल निकालना या खत्म करना काफी मुश्किल है. हमनें इस दर्द को 5 साल तक झेला है. लड़कों को बचाने के लिए कई लोग खड़े हो जाते हैं.

लड़की पर सवाल उठाता है समाज
आशा देवी बोलीं कि अपराधी को बचाने में कई लोग उनके साथ आ जाते हैं, कोई कहता है कि बच्चा है, कोई बात नहीं उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि रात में बस में क्यों गई, मेट्रो में क्यों गई. उन्होंने कहा कि लड़की फिल्म देखने जाती है तो लोग सवाल उठाते हैं, क्या सिर्फ लड़कों के लिए ही फिल्म हॉल बने हैं.

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कहने के लिए सिर्फ दो शब्द हैं रेप
निर्भया की मां बोलीं कि रेप पीड़ित के परिवार को भी दोषी माना जाता है. हमारे समाज के लोगों को ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, लड़कियां हर क्षेत्र में आगे हैं, लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिलता है. उनकी मां ने कहा कि कहने के लिए रेप सिर्फ दो शब्द है लेकिन इसका असर काफी बड़ा है.

कोर्ट के फैसले से बड़ी उम्मीद
निर्भया की मां ने कहा कि हमें फैसले को लेकर डर तो है कि कोर्ट का क्या फैसला आएगा, लेकिन उम्मीद है. हमारी बच्ची का दर्द बहुत बड़ा है, उसका दर्द या तो वह समझ पाई या फिर मां होने के नाते मैं कर पाई. उन्होंने कहा कि अगर आज उन्हें फांसी नहीं मिली तो कभी हमारे समाज में बेटियों और महिलाओं को इंसाफ नहीं मिलेगा.

समाज में बदलाव लाएगा फैसला
निर्भया की मां बोलीं कि जिस तरह की बर्बरता हुई है, अब हमें हमारी बेटी वापिस नहीं मिल सकती है. लेकिन समाज और बेटियों की सुरक्षा के लिए फैसला जरूरी है, निर्भया के साथ हुई घटना समाज पर दाग थी. कोर्ट का फैसला समाज में बड़ा संदेश देगा.


दिल्ली पर दाग!
आपको बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की वो रात दिल्ली के चेहरे पर एक बदनुमा दाग की तरह बन गई थी. उस रात एक चलती बस में पांच बालिग और एक नाबालिग दरिंदे ने 23 साल की निर्भया के साथ हैवानियत का जो खेल खेला, उसे जानकर हर देशवासी का कलेजा कांप उठा. वह युवती पैरामेडिकल की छात्रा थी.

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