
अरुण जेटली के जापान में होने के कारण निर्मला सीतारमण अभी तक रक्षा मंत्री के तौर पर कार्यभार भी नहीं संभाल पाई थीं. क्योंकि अरुण जेटली की रक्षा मंत्री के तौर पर जापान विजिट पहले से ही तय थी, जिसको टाला नहीं जा सकता था. जापान के साथ होने वाली एक प्रमुख सुरक्षा बातचीत में बतौर रक्षा मंत्री के तौर पर जेटली को ही शामिल होना था. जेटली ने भी खुद कहा था कि कुछ व्यवस्थागत दिक्कतों की वजह से उन्हें ही सुरक्षा बातचीत में शामिल होना पड़ेगा.
कैबिनेट विस्तार में निर्मला सीतारमण वाणिज्य मंत्री से सीधे रक्षा मंत्री बनाई गईं. इस विस्तार में अगर किसी मंत्री को सबसे बड़ा प्रमोशन मिला है तो वह निर्मला सीतारमन हैं. मनोहर पर्रिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद से वित्त मंत्री अरुण जेटली ही रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए थे.
जेटली के पास 26 मई से नौ नवंबर 2014 के बीच भी रक्षा मंत्रालय का प्रभार था. लेकिन पिछले काफी समय से देश को एक पूर्ण कालीन रक्षा मंत्री की तलाश थी. इसके लिए अलग-अलग नामों की चर्चा भी समय-समय पर होती रही. मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण को तरक्की दे कर रक्षा मंत्री बनाकर सबको सरप्राइज दिया है.
इससे पहले इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री थीं तो उन्होंने रक्षा मंत्रालय खुद अपने पास रखा था. अगर इंदिरा गांधी को छोड़ दें तो निर्मला सीतारमण देश की पहली ऐसी महिला हैं जिन्हें रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.