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सिंधु समझौते पर पाकिस्तान को झटका देंगे मोदी? PMO से अस्ताना में मंगाई रिपोर्ट

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव और सीमा पर लगातार सीजफायर उल्लंघन के मद्देनजर यह समीक्षा बैठक सामने आई है. मालूम हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है

सिंधु जल समझौता पर नीति आयोग की बैठक सिंधु जल समझौता पर नीति आयोग की बैठक
राम कृष्ण/देविना गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2017,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

नीति आयोग के सीईओ ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधिकारियों से मुलाकात की. सूत्रों ने दावा किया है कि इस बैठक में सिंधु जल समझौते की समीक्षा और दो हाइड्रो प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई. 30 मिनट चली इस बैठक में नीति आयोग ने मामले में दोबारा से अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के विकल्प की बात कही है.

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आयोग ने यह भी कहा है कि इस मामले में पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता सशर्त होनी चाहिए. कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित होने वाले SCO समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रवाना होने के बाद यह बैठक हुई. सूत्रों ने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट SCO समिट में शिरकत करने अस्ताना पहुंचे पीएम मोदी को दी जाएगी.

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव और सीमा पर लगातार सीजफायर उल्लंघन के मद्देनजर यह समीक्षा बैठक सामने आई है. मालूम हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी बंटवारे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. स्थायी सिंधु जल आयोग की आखिरी बैठक मई 2015 में हुई थी.

भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार जारी गोलीबारी और घुसपैठ की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच वार्ता भी ठप है. इसके अलावा जाधव मामले को लेकर भी दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आई है. उरी हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. हालांकि सिंधु जल समझौता दोनों देशों के बीच तमाम कशीदगी के बावजूद बरकरार है.

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कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से जब पूछा गया कि क्या पीएम को सिंधु जल संधि रद्द करनी चाहिए? तो उनका जवाब था कि बोलना आसान है, करना कठिन. लेकिन इस वक्त हमारे पीएम विदेश में हैं, इसलिए हमको अभी कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. ये वक़्त विश्व के आगे एकजुटता दिखाने का है. वैसे उन्होंने विपक्ष से सलाह मशविरा किया होता तो हम राय देते. लेकिन हमारे पीएम को इसकी आदत नहीं. उम्मीद है वो जो फैसला करेंगे देशहित में होगा. हमको कुछ कहना होगा तो उनके वापस आने के बाद कहेंगे.

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