
केजरीवाल की धरना पॉलिटिक्स के बहाने विपक्ष की मोर्चाबंदी तेज हो गई. केजरीवाल के एलजी दफ्तर पर धरने की गूंज नीति आयोग की बैठक में भी सुनाई दी. चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की.
नीति आयोग की बैठक में बोले पीएम
नीति आयोग की वेलकम स्पीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम राज्यों से आए मुख्यमंत्रियों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'नीति आयोग एक ऐसा मंच है जहां से देश में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत होती है.' सबसे पहले पीएम मोदी ने कहा कि देश के कुछ हिस्से पिछले दिनों बाढ़ से प्रभावित थे, सबसे पहले उस राज्य को मदद की जाएगी. केंद्र की तरफ से ऐसे राज्यों को हरसंभव मदद दी जाएगी.
नीति आयोग की बैठक में उठा मुद्दा
नीति आयोग की बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन भी शामिल हुए. इन दोनों मुख्यमंत्रियों ने बैठक में शामिल होने से पहले ही साफ कर दिया था कि इस मामले को वो नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी के सामने उठाएंगे. अब सबकी नजर इस मुद्दे पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया पर टिकी है.केजरीवाल के समर्थन में 4 CM
हालांकि ये चारों मुख्यमंत्री दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. शनिवार को चारों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे और उनकी पत्नी, उनके माता-पिता और उनके बच्चों से मुलाकात की. इसके बाद चारों मुख्यमंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें ममता बनर्जी ने पीएम से दखल देने की अपील तक की बात कर डाली.
केजरीवाल से मिलने की नहीं मिली इजाजत
इससे पहले ममता बनर्जी ने एलजी के निजी सचिव को चिट्ठी लिखकर एलजी के घर पर धरना दे रहे अरविंद केजरीवाल से रात 8 बजे मिलने का समय मांगा था. लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली. फिर चारों मुख्यमंत्रियों ने सीधे एलजी को चिट्ठी लिख कर कहा कि वो अरविंद केजरीवाल के मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें रात 9 बजे मिलने का समय दिया जाए. लेकिन एलजी के घर से मौखिक तौर पर बताया गया कि वो घर पर नहीं हैं.
ये चारों मुख्यमंत्री पैदल मार्च करते हुए एलजी के दफ्तर तक जाना चाहते थे. इसे देखते हुए वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई. लेकिन इजाजत नहीं मिली. आम आदमी पार्टी इसके पीछे सीधे पीएम की भूमिका देख रही है. बहरहाल, इन चारों मुख्यमंत्रियों ने सीएम केजरीवाल के घर का रुख किया और चार राज्यों के मुख्यमंत्री के समर्थन से आप कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया है.
एक तरफ आम आदमी पार्टी चार मुख्यमंत्रियों के समर्थन से गदगद है तो दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक दिल्ली सचिवालय में धरने पर बैठी सरकार के खिलाफ अनशन कर रहे हैं. वहीं, दिल्ली की जनता पानी-बिजली की समस्या को लेकर सड़कों पर उतर आई है.