
नीति आयोग के नए उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दावा किया है कि अगली तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में भारत की जीडीपी 7 से 7.5 फीसदी से कम नहीं रहेगी. शुक्रवार को ही अरविंद पनगढ़िया की जगह नीति आयोग के नए उपाध्यक्ष का पद संभालने के बाद राजीव कुमार ने कहा कि टैक्स के नए सिस्टम जीएसटी लागू होने की वजह से की वजह से जो दिक्कतें हुई थीं वो अब खत्म हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अच्छे मानसून और निवेश के बेहतर माहौल की वजह से आने वाले समय में जीडीपी बेहतर होगी.
गुरुवार को ही सरकार ने अप्रैल से जून की तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़ों का ऐलान किया था और सबको हैरान करते हुए जीडीपी गिरकर 5.7 फीसदी तक पहुंच गई. यह लगातार पांचवीं ऐसी तिमाही है जब जीडीपी की दर लगातार नीचे जा रही है. इन आंकड़ों का ऐलान होने के बाद विपक्ष ने सरकार को जमकर कोसना शुरू कर दिया है और ये आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था की यह दुर्गति नोटबंदी की वजह से हुई है जिसे राजनीतिक फायदे के लिए बिना तैयारी के लागू किया गया था.
कांग्रेस पार्टी ने याद दिलाया कि मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के बाद इसे एक बेहद गलत कदम बताते हुए भविष्यवाणी की थी कि इसकी वजह से विकास दर दो फीसदी तक नीचे गिर जाएगी. कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि मनमोहन सिंह की भविष्यवाणी बिलकुल सही साबित हुई है.
लेकिन नीति आयोग के उपाध्यक्ष का पद संभालने के बाद अपनी पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब राजीव कुमार से पूछा गया कि नोटबंदी किस हद तक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी करने के लिए जिम्मेदार है तो उन्होंने कहा की गिरी हुई जीडीपी को नोटबंदी से जोड़ना एकदम गलत है और इस मामले पर वह मनमोहन सिंह से बिल्कुल सहमत नहीं हैं. उनका तर्क ये है कि नोटबंदी पिछले साल नवंबर में हुई थी और अप्रैल से लेकर जून के महीने तक इसका असर होना संभव नहीं है.
राजीव कुमार ने कहा कि इसकी बड़ी वजह जीएसटी का लागू होना है जिसकी वजह से तमाम कंपनियों ने अपना उत्पादन पहले से कम कर दिया था. इसके अलावा इस बीच में कच्चे माल की कीमतें बढ़ने का भी असर है हुआ.
उपाध्यक्ष के तौर पर अपनी प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर राजीव कुमार ने कहा कि उनका सबसे ज्यादा जोर रोजगार के अवसर पैदा करने पर होगा क्योंकि देश के युवा नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं. उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ाना, कृषि शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी नीति आयोग अब ज्यादा जोर देगा.