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भारत बना रहा है कोरोना ट्रैकिंग ऐप CoWin-20, ऐसे करेगा काम

Covid-19 इस समय दुनिया भर में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है. इस वायरस से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. क्या इसे टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर रोका जा सकता है?

कोरोना की वजह से लोग कर रहे हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन (Photo: Reuters) कोरोना की वजह से लोग कर रहे हैं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन (Photo: Reuters)
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

कोरोना वायरस से बचने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं. Covid-19 से बचाव के लिए कई देश टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं.

सिंगापुर ने TraceTogether नाम का एक ऐप लॉन्च किया है जो शॉर्ट डिस्टेंस ब्लूटूथ सिग्नल के तहत काम करता है. ये ऐप ये पता लगाता है कि COVID-19 के संभावित मरीज कौन हैं और इसका डेटा सरकार को भेजता है.

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रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इसी तरह के ऐप पर काम कर रहा है. ये ऐप फिलहाल लिमिटेड लोगों को टेस्टिंग के लिए दिया गया है. सिंगापुर ने हालांकि TraceTogether ऐप का सोर्स कोड पब्लिक कर दिया है. यानी कोई भी देश का डेवेलपर इसे यूज करके इस तरह का अपना ऐप तैयार कर सकता है.

इस ऐप का नाम CoWin-20 है और इसे एंड्रॉयड और आईओएस में टेस्ट किया जा रहा है. दरअसल ये ऐप यूजर का लोकेशन ट्रैक करेगा. ये ऐप यूजर को ये भी नोटिफिकेशन देगा कि उनके आस-पास कोई COVID-19 का पेशेंट है या नहीं.

लोकेशन और ब्लूटूथ के जरिए होगा ऑपरेट

रिपोर्ट के मुताबिक CoWin-20 यूजर की लोकेशन और ब्लूटूथ गेज यूज करता है और इससे आस-पास के यूजर्स के बारे में पता करता है.

दरअसल इस तरह की टेक्नोलॉजी डेटाबेस से काम करती है. Covid-19 जिन्हें है उनका एक डेटाबेस तैयार किया जा सकता है. अब इस कोरोना वायरस पेशेंट के डेटाबेस के साथ आपके फोन द्वारा कलेक्ट किया गया डेटा मैच कराया जाएगा.

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इस डेटाबेस में उन लोगों की भी डीटेल्स दर्ज की जा सकती हैं जो हाल ही में दूसरे देशों से भारत आए हैं. बताया जा रहा है कि ये ऐप ये भी बताएगा कि कौन से इलाकों में ज्यादा कोरोना वायरस के केसेज मिले हैं.

इस ऐप को डाउनलोड करने पर ये आपसे लोकेशन डेटा का ऐक्सेस मांगता है जो हर वक्त ऑन रहेगा. TNW की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐप की एन्क्रिप्शन पॉलिसी ये कहती है कि आपका डेटा एन्क्रिप्ट है और ये सिर्फ डिवाइस तक ही रहेगी.

हालांकि अगर आपका Covid-19 का टेस्ट पॉजिटिव आता है तो ये ऐप आपका डेटा हेल्थ मिनिस्ट्री के साथ शेयर करेगा.

फिलहाल सरकार की तरफ से इस ऐप का ऑफिशियल ऐलान नहीं किया गया है. ये भी साफ नहीं है कि सरकार किस तरह से लोगों को ट्रैक करेगी और ऐप के जरिए उनका लोकेशन डेटा और COVID-19 के डेटाबेस के साथ मैच करेगी.

TNW की एक रिपोर्ट के मुताबिक CoWin-20 ऐप NITI Ayog बना रहा है. बताया जा रहा है कि इस ऐप को कोड अब तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है.

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हेल्थ मिनिस्ट्री के साथ शेयर होगा यूजर डेटा

ये ऐप कई तरह से संभावित कोरोना पेशेंट को ट्रेस कर सकता है. आपने अपने स्मार्टफोन में इस ऐप को इंस्टॉल किया है और आप किसी से मिलने जाते हैं.

आप जिससे मिले अगर उन्हें कुछ दिनों के बाद COVID-19 पॉजिटिव पाया गया तो हेल्थ मिनिस्ट्री इस आधार पर आपको भी ट्रैक करेगी. आपको ट्रेक करके नोटिफिकेशन भेजा जाएगा और COVID-19 के लिए टेस्ट कराने को भी कहा जाएगा.

सिंगापुर द्वारा लॉन्च किए गए ऐप के बाद प्राइवेसी को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. क्योंकि इससे आम लोगों का डेटा सरकार के साथ शेयर होगा.

इसी तरह इजरायल में हाल ही में काउंटर टेररिज्म के लिए यूज किए जाने वाले टूल को वहां के कोरोना वायरस मरीजों की पहचान करने के लिए किया जा रहा है. इस बात को लेकर वहां प्रोटेस्ट भी शुरू हो गए हैं. भारत में इस ऐप के लॉन्च होने के बाद प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ सकते हैं.

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