
नितिन गडकरी का साल 2013 में दूसरी बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना तय था. लेकिन आखिरी मौके पर उनके खिलाफ ताबड़तोड़ आयकर विभाग के छापे पड़े और फिर उन्हें अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था, इस बात को लेकर केंद्रीय राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को आज भी मलाल है.
आरोप से आहत गडकरी
'आजतक' के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में गडकरी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष पद से उस वक्त जिस हालात में हटना पड़ा था उसको लेकर आज भी उन्हें मलाल है. क्योंकि जो भी आरोप लगाए गए थे वो बेबुनियाद थे. श्वेता सिंह से बातचीत में गड़करी ने कहा, 'मैं कह रहा था कि मैं निर्दोष हूं. लेकिन मुझे साजिशन दोषी ठहराया गया. मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ दो साल तक कांग्रस सरकार ने जांच करवाई और खुद क्लीन चीट भी दी.'कभी बीजेपी अध्यक्ष नहीं बनूंगा
गडकरी बताते हैं कि कुछ दिन के लिए वो बेहद परेशान हो गए थे. इस मामले की दो साल तक जांच चली. फिर उसी कांग्रेस सरकार में ही निर्दोष साबित हुए. लेकिन मैंने तय कर लिया था कि 'कुछ भी बनूंगा बीजेपी अध्यक्ष अब कभी नहीं बनूंगा '. इसका दुख और दर्द हमेशा रहेगा कि मीडिया से उन चीजों को खूब दिखाया गया जो सच नहीं था. कांग्रेस ने एक तरह से मेरे खिलाफ मुहिम छेड़ दी थी.
2 साल तक रहा परेशान
'सीधी बात' में गडकरी ने कहा, 'मेरे में भी कुछ दोष हैं. लेकिन वो चीजें मेरे खिलाफ हुई थी उसने मुझे झकझोर दिया था. तब एक बार मन में ये भी आया कि राजनीति छोड़ देता दूं. किसी को बड़ा नहीं बना सकते हैं तो किसी को बदनाम (बर्बाद) मत कीजिए. आज मैं वो चीजें आज भूल चुका हूं. अच्छा काम कर रहा हूं, मंत्री बन गया हूं. तारीफें हो रही हैं. लेकिन अब मैं चाहता हूं कि ऐसा किसी दूसरे के साथ नहीं हो.'गौरतलब है कि बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक गडकरी को दूसरे कार्यकाल के लिए बीजेपी का अध्यक्ष चुने जाने को लेकर पार्टी के संविधान में संशोधन को राष्ट्रीय परिषद की मंजूरी मिल गई थी. और उन्हें दिसंबर, 2015 तक के लिए फिर से अध्यक्ष चुना जाना तय था, लेकिन आखिर वक्त पर उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था और राजनाथ सिंह को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था. गडकरी 1 जनवरी 2010 से 22 जनवरी 2013 बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे.