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1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज में 1.08 लाख करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं: नीतीश

नीतीश का हमला: एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की बात प्रधानमंत्री ने कही है. एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं जो स्वीकृत हैं

aajtak.in
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  • 26 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 18 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा के बारे में मंगलवार को कहा कि इसमें एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं हैं.

पटना स्थित पुराने सचिवालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों के सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि इसके अध्ययन का काम लगभग पूरा हो चुका है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गत 18 अगस्त को भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी.

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पुरानी योजनाओं की रिपैकेजिंग

नीतीश कुमार ने कहा कि एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की बात प्रधानमंत्री ने कही है. एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनायें जो स्वीकृत हैं, उसकी ही रिपैकेजिंग में पुरानी योजनाओं को शामिल कर की गई है.

भाजपा नेताओं के लोकसभा चुनाव के समय ‘अच्छे दिन’ आने के वादे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि अच्छे दिन जिनके आने थे, आ गये. मैने तो अनेकों बार आंकड़े के साथ बता दिया है कि इस देश में चंद घरानों के अच्छे दिन आ गए. बाकी जिनको इसका इंतजार था उनकी आशा पर यह कहकर पानी फेर दिया गया कि अच्छे दिन की बात नहीं कही गई थी.

पैकेजिंग की राजनीतिक कोशिश

उन्होंने कहा कि इस तरह लोकसभा चुनाव के वक्त जो भी वादा किया गया था, उससे वे एक-एक कर मुकर जाएंगे. बिहार के लोग सचेत हैं, यहां आकर पैकेज का झांसा दिया गया. पैकेज की राजनीति करने की कोशिश हो रही है इसलिये हम पैकेज के सच को पूरी तरह उजागर करने के लिये उसमें वर्णित एक-एक परियोजना की सच्चाई लोगों के सामने लाएंगे.

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नीतीश ने कहा ‘हम पहले से ही बराबर बोला करते थे कि ये पैकेज नहीं रिपैकेजिंग है. यह पैकेज पॉलिटिक्स है और कुछ नहीं है’. बिहार को विशेष दर्जा देने को लेकर केंद्र को लिखे गए अपने पत्र की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने जो पत्र लिखा था उसका कोई उत्तर नहीं आया. हमने विशेष राज्य के दर्जे के अलावे दूसरे क्षेत्रों में सहायता की बात की थी.

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने विशेष राज्य के दर्जा के अलावे विशेष सहायता की बात की थी. लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री ने जो-जो वादा किया था,उससे धीरे-धीरे मुकर जायेंगे और पैकेजिंग की राजनीतिक कोशिश में लग जायेंगे.

लंबित पड़े  हैं बिहार की रेल परियोजनाएं

नीतीश ने विकास मित्रों द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा कि रेल का परिचालन केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में आता है. रेललाइन के दोहरीकरण के लिये राशि प्रदान करना बिहार पर कृपा नहीं है. इसमें राज्य सरकार का कौन सा एहसान है. दो-दो रेल कारखाना बिहार में पहले से तय हैं. उसे अगर प्रारंभ किया जाता तो लोगों को रोजगार सुलभ होता. बिहार की लंबित रेल परियोजनाओं को शुरू किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि नई योजनाओं में 60 प्रतिशत की राशि केन्द्र सरकार देगी और चालीस प्रतिशत की राशि राज्य सरकार देगी. इसे भी केन्द्र सरकार सौ प्रतिशत पैकेजिंग मानती है.

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नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेजिंग के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. कम उम्र के युवा भ्रमित हो रहे हैं कि एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये की राशि में बिहार को बहुत कुछ मिल गया.

इनपुट - भाषा

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