
दिल्ली में आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो गई. तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी ने नीतीश कुमार को 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़े राजनैतिक फ़ैसले लेने के लिए अधिकृत किया. वहीं बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि करप्शन के मुद्दे पर राहुल गांधी का रूख साफ़ नहीं है. नीतीश कुमार फिर दोहराया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हमारे लिए अहम मुद्दा है.
नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा कि अभी तक सीटों को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सबसे ख़राब स्थिति में भी जेडीयू को 17 प्रतिशत वोट मिला था. नीतीश का कहना है कि जो हमें राजनीति में इग्नोर करेगा वो खुद राजनीति में इग्नोर हो जाएगा.
इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार रविवार को जद(यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया. आगामी लोकसभा चुनावों के दृष्टिकोण से यह बैठक अहम मानी जा रही थी. राष्ट्रीय राजधानी में जद(यू) पहली बार अपनी कार्यकारिणी आयोजित की.
जद(यू) की ये बैठक बिहार में उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीटों को लेकर तनातनी के बीच हो रही है. आपको बता दें 2014 लोकसभा चुनावों में जद(यू) अकेले लड़ते हुए मात्र 2 सीटों पर ही अपनी जीत दर्ज कर पाई थी. वहीं भाजपा ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन जेडी(यू) लगातार इस बात की मांग कर रही है कि बिहार विधानसभा में उसकी ताकत को देखते हुए ज्यादा सीटें दी जाए.
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के 'बड़ा भाई' जैसे रवैये से नाराज़ बताए जा रहे है और इसी क्रम में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को फोन कर पर्याप्त संकेत दे दिए हैं. बिहार के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को भांपते हुए, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना जा रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात नीतीश कुमार से भी होगी. संभवत: इस मुलाकात के दौरान नीतीश 2019 लोकसभा चुनावों को लेकर एनडीए में उनकी भूमिका क्या होगी इस पर अपने मन की बात रखेंगे.
उल्लेखनीय है कि जद(यू) अब बिहार से बाहर अपने पैर पसार रही है. लिहाजा इस बैठक में नीतीश पार्टी के राज्य प्रमुखों से 'बिहार प्लस' योजना को लेकर भी बात कर सकते हैं. जद(यू) इस साल अंत में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों मे अपने प्रत्याशी खड़े कर सकती है.
लिहाज़ा जद(यू) के 22 राज्यों की इकाइयों की मौजूदगी में नीतीश कुमार का राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आज का संबोधन मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के तौर पर अहम माना जा रहा है.