Advertisement

CM नीतीश ने PM नरेंद्र मोदी को खुलेआम ललकारा, बोले- एक बिहारी, सब पर भारी

बिहार की सियासत में मंगलवार को नहले पे दहला मारने का खेल चला. पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहरसा रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अहंकारी बताया. फिर नीतीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनकी एक-एक बात का जवाब दिया.

nitish kumar nitish kumar
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 18 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 6:43 AM IST

बिहार की सियासत में मंगलवार को नहले पे दहला मारने का खेल चला. पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहरसा रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अहंकारी बताया. फिर नीतीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनकी एक-एक बात का जवाब दिया.

नीतीश ने मोदी को ललकारते हुए कहा- 'मैं यहीं रहूंगा. एक बिहारी, सब पर भारी पड़ेगा.' उन्होंने मोदी की बातों को जुमला बताया. कहा- बोलने में क्या जाता है. कालाधन वापस लाने पर उनके अध्यक्ष ने भी कह दिया था कि जुमला है.

Advertisement

विशेष पैकेज पर बोले- ये भी जुमला
नीतीश ने कहा कि 'ये सवा लाख करोड़ रुपये भी वैसे ही हैं, जैसे लोगों ने सोचा था कालाधन वापस आएगा और उन्हें 15-15 लाख रुपए मिलेंगे. 1 लाख 40 हजार की मांग तो हम पहले से ही कर रहे हैं. कोई पैकेज नहीं है. ये री-पैकेजिंग है.'

जो याचक हो गया वो अहंकारी कैसे हुआ
नीतीश ने मोदी के शब्दों को ही पकड़ते हुए कहा- 'मोदी एक तरफ याचक कहते हैं और एक तरफ अहंकारी. जो याचक हो गया वो अहंकारी कैसे होगा. उनकी बातों में विरोधाभास है.' मोदी ने कहा था कि नीतीश बिहार के स्वाभिमान को दांव पर लगा UPA से मदद मांगने गए थे. इस पर नीतीश ने ट्वीट भी किया कि बिहार के लिए याचक भी बनना पड़े तो मंजूर है.

Advertisement

एक मुर्गी को कब तक हलाल करेंगे
नीतीश बोले- 'आप कहते हैं कि बीमारू नहीं हो तो मांगते क्यों हो. हम याचक रहेंगे. हमें कोई ऐतराज नहीं. आप बिहार की बोली लगाकर बिहार का मजाक उड़ा रहे हैं. एक मुर्गी को कब तक हलाल करेंगे.'

पैसे खर्च न करने की बात गलत
नीतीश ने मोदी के इस आरोप का भी खंडन किया कि राज्य सरकार ने पहले दी गई आर्थिक मदद का बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं किया. उन्होंने कहा, 'खर्च इतना कर दिया है उतना तो पैसा भी नहीं मिला है. हमें विशेष राज्य का दर्जा चाहिए.'

ये तो ऊंट के मुंह में जीरा है
नीतीश ने कहा कि 'हम एग्रीकल्चर रोडमैप के लिए 41,587 करोड़ रुपये मांग रहे थे. PM ने घोषणा की 3094 करोड़ करोड़ रुपये की. ये तो ऊंट के मुंह में जीरा है.'

हमें विशेष राज्य का दर्जा चाहिए, दया नहीं: शरद
वहीं JDU के शरद यादव ने कहा कि हमें विशेष राज्य का दर्जा चाहिए किसी की दया नहीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement