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नोटबंदी से नहीं चलेगा काम, बेनामी पर भी हो कार्रवाई: नीतीश कुमार

नोटबंदी के शुुरुआती दिनों में उसका समर्थन करने वाले नीतीश कुमार इन दिनों इसके विरोध में मुखर होते जा रहे हैं. वे केन्द्र सरकार से नोटबंदी के बाद बरामद हुए धन का ब्यौरा भी मांगते हैं. हालांकि उनके इन बयानों से नोटबंदी के समर्थन और विरोध का अंदाजा लगाना मुश्किल है.

नीतीश कुमार नीतीश कुमार
सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नोटबंदी के समर्थन में नहीं हैं तो विरोध में भी नहीं हैं लेकिन उनका मानना है कि नोटबंदी के नतीजों के बारे में प्रधानमंत्री को देश के सामने सारे फायदे-नुकसान उजागर करने चाहिए. ज्ञात हो कि नीतीश कुमार नोटबंदी के शुरुआती दिनों में इस फैसले के साथ थे. वहीं इस बीच दिल्ली के भीतर एक कार्यक्रम में मौजूदगी के दौरान नोटबंदी पर पीएम मोदी से तीखे सवाल किए. वे पीएम मोदी से कालाधन पर सवाल पूछते हैं. उन्होंने मौके पर नोटबंदी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी और असंगठित क्षेत्र में इस बीच बढ़ने वाली समस्याओं का भी जिक्र किया. वे केन्द्र सरकार से नोटबंदी के बाद बरामद हुए धन का ब्यौरा भी मांगते हैं. हालांकि उनके इन बयानों से नोटबंदी के समर्थन और विरोध का अंदाजा लगाना मुश्किल है.

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सिर्फ नोटबंदी से नहीं चलेगा काम
नीतीश कुमार ने सोमवार को लोकसंवाद कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केवल नोटबंदी से काम नही चलेगा. उन्होंने मौके पर कहा कि नोट के रूप में कालाधन की मात्रा काफी कम है ऐसे में बेनामी सम्पत्ति पर ध्यान देने की जरूरत है. उनके इस बात से स्पष्ट है कि वो इस मामले को केवल नोटबंदी तक सीमित रखने के बजाय आगे ले जाना चाहते हैं. हांलाकि इनका ये स्टैण्ड पहले से है. नीतीश कुमार का कहना है कि बेनामी सम्पति सबसे ज्यादा रियल स्टेट, जमींनों, विदेशों, हीरे व सोने में है. वे इन तमाम बेनामी सम्पतियों को उजागर किए जाने तक कालेधन सामने नहीं आने की बात कहते हैं.

नोटबंदी को नहीं कहा फेल
नीतीश कुमार भले ही पीएम मोदी की नोटबंदी स्कीम को लेकर विरोध में हों लेकिन वे इसे विफल करार नहीं देते. हालांकि वे अब भी मानते हैं कि नोटबंदी की वजह से कई क्षेत्रों को भारी क्षति हुई है. वे नोटबंदी पर पूछे गए सवाल और जवाब न मिलने को लेकर खासे मुखर नजर आए.

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अमर्यादित टिप्पणी पर हैं चिंतित
इस बीच नीतीश कुमार राजनीति में दिए जाने वाले अमर्यादित बयानों से चिन्तित दिखे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रेनकोर्ट वाले बयान से वे संतुष्ट नहीं हैं और उनका मानना है कि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों को मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में संसद में बयान दिया था कि वे रेन कोर्ट पहन कर बाथरूम में नहाते हैं.

बिहार कर्मचारी चयन आयोग मामले पर भी बोले
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक के मामले में विपक्ष के सीबीआई से जांच करने की मांग पर उन्होंने कहा कि चिन्ता न की जाए. एसआईटी पूरी शिद्दत के साथ इन्वेस्टिगेशन कर रही है. वे इंटर टॉपर घोटालें में एसआईटी की कार्रवाई का हवाला देते हुए आगे भी अच्छे काम की अपेक्षा करते हैं. वे पुलिस पर विश्वास बनाए रखने के साथ-साथ किसी भी महत्वपूर्ण पद पर बैठे लोगों के दोषी पाए जाने पर सजा देने की बात कहते हैं. उत्तर प्रदेश में सत्ता की लड़ाई और हार-जीत पर पूछे गए सवाल पर अनभिज्ञता जताई और खुद के चुनाव न लड़ने का हवाला दिया.

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