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नीतीश कुमार का नियोजित शिक्षकों दो टूक, बोले- नहीं दे सकते समान वेतन

नीतीश कुमार ने शिक्षकों से कहा कि आप 4 लाख हो, जबकि बिहार की आबादी 12 करोड़ है. हमारी जितनी हैसियत है, उतना हम बढ़ाते रहेंगे, लेकिन शिक्षकों की यह मांग जायज नहीं हैं.

नीतीश कुमार (फाइल फोटो-पीटीआई) नीतीश कुमार (फाइल फोटो-पीटीआई)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:37 PM IST

  • शिक्षकों के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
  • नीतीश कुमार बोले- छात्रों के भविष्य से खेलवाड़ गैर-कानूनी है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि वो शिक्षकों के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे. बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षक नियमित शिक्षकों के समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. उनकी इस हड़ताल में अब माध्यमिक स्कूल के शिक्षक भी शामिल हो गए हैं.

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इस बीच बिहार में इंटर और हाई स्कूल की परीक्षा भी आयोजित हुई. उतर पुस्तिका की जांच का भी शिक्षक विरोध कर रहे हैं. जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा कि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

बिहार विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर सवालों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'छात्रों की परीक्षा होने वाली है और आप हड़ताल करोगे? क्या ये शिक्षकों का काम है? हम आपको नियमित शिक्षकों के बराबर वेतनमान नहीं दे सकते हैं, क्योंकि बिहार में और भी काम करने है. सब कुछ शिक्षकों को ही दे दिया जाए, तो क्या सड़कें नहीं बनाई जाए? क्या अस्पताल नहीं बनाए जाए? लोगों को सुविधाएं नहीं दी जाए?'

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सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षकों से कहा कि आप 4 लाख हो जबकि बिहार की आबादी 12 करोड़ है. हमारी जितनी हैसियत है, उतना हम बढ़ाते रहेंगे, लेकिन शिक्षकों की यह मांग जायज नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम किसी का बुरा नहीं करेंगे. हम शिक्षकों के पक्ष में है. हमने 1500 से उनके वेतनमान को बढ़ाकर कहां से कहां पहुंचा दिया. हमारी सहानुभूति है, लेकिन शिक्षक छात्र-छात्रओं का अहित करेंगे, तो लोगों की सहानुभूति नहीं मिलेगी. ये गैरकानूनी काम है.

'वोट की चिंता नहीं'

नीतीश कुमार ने कहा, 'मेरी जगह कोई और होता तो बहुत कुछ कर देता. वोट की चिंता मुझे नहीं है. जिसको मन आए वोट दे, लेकिन इसके लिए छात्र-छात्राओं का अहित नहीं होने देंगे.' नीतीश कुमार ने कहा कि बहाली सरकार के स्तर पर नहीं है, बल्कि पंचायत और नगर निकाय के स्तर से की गई है. अयोग्य शिक्षकों की बहाली कर शिक्षा व्यवस्था को नष्ट किया गया, लेकिन फिर भी हमने इनकी नौकरी बचाई.

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समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. मुख्यमंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों ने बड़े-बड़े वकीलों को रखा. आखिर में कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया. आखिर इतने महंगे वकील रखने का पैसा इनके पास कहां से आया? नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया कि वो दवाब में नहीं झुकेंगे.

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