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अविश्वास प्रस्ताव से पहले जानिए कौन सी पार्टी है किस खेमे में?

सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों अपने खेमे को मजबूत करने में जुट गए हैं. पीएम मोदी जहां अपने सहयोगी दलों को साधने में जुटे हैं. वहीं, टीडीपी सहित कांग्रेस विपक्षी दलों को अपने साथ एकजुट करने में लगी है.

संसद प्रतीकात्मक फोटो संसद प्रतीकात्मक फोटो
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

मोदी सरकार को अपने सवा चार साल के कार्यकाल में पहली बार अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ रहा है. टीडीपी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर आज चर्चा और वोटिंग होगी. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपने खेमे को मजबूत करने में जुट गए हैं. पीएम मोदी जहां अपने सहयोगी दलों को साधने में जुटे हैं. वहीं, टीडीपी सहित कांग्रेस विपक्षी दलों को अपने साथ एकजुट करने में लगी है.

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बता दें कि 545 सदस्यों वाली लोकसभा में मौजूदा समय में 532 सांसद हैं. यानी बीजेपी को बहुमत हासिल करने के लिए महज 267 सांसद चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष को हटाकर बीजेपी के पास अभी 273 सदस्य हैं.

मोदी सरकार के साथ कौन

अकाली दल- बीजेपी की सहयोगी अकाली दल मोदी सरकार के साथ है. अकाली दल के 4 सांसद हैं.

एलजेपी- केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी  सरकार के साथ. एलजेपी के 6 सांसद हैं.

जेडीयू- बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के साथ. जेडीयू के 2 सांसद.

अपना दल- केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी  अपना दल सरकार के साथ. अपना दल के 2 सांसद.

आरएलएसपी. केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा मोदी सरकार के साथ हैं. मौजूदा समय में उनकी पार्टी के 3 सांसद हैं.

अन्य दल- एनडीए के पूर्वोत्तर के कई क्षेत्रीय दल हैं जिनके 6 सांसद हैं.  वे सभी मोदी सरकार के साथ हैं.

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मोदी के खिलाफ ये दल

कांग्रेस- विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस हैं. अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के खिलाफ वोटिंग करेगी. कांग्रेस के 48 सांसद है.

टीडीपी- मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली टीडीपी के 16 सांसद हैं.

आम आदमी पार्टी- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी सरकार के खिलाफ है. आप के 4 सांसद हैं.

सीपीएम- मोदी सरकार के खिलाफ सीपीएम वोटिंग करेगी. सीपीएम के 9 सांसद हैं.

सपा- अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी सपा सरकार के खिलाफ रहेगी. सपा के 7 सांसद हैं.

इन दलों के फैसले पर होगी नजर

शिवसेना- बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. मौजूदा समय में 18 सांसद हैं.

एआईएडीएमके- संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एआईएडीएमके ने वोटिंग के दौरान सदन से बाहर रहने का फैसला किया है. मौजूदा समय में 37 सांसद हैं.

टीआरएस- अविश्वास प्रस्ताव को लेकर टीआरएस ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. मौजूदा समय में टीआरएस के 11 सांसद हैं.

बीजेडी- नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के पास 20 सांसद हैं और पार्टी ने अपने सांसदों को संसद में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है. वोटिंग के दौरान क्या करेंगे इसका फैसला नहीं हो पाया है.

टीएमसी- ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी का निर्णय सामने नहीं आया है. टीएमसी के 34 सांसद हैं.

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एनसीपी- शरद पवार की पार्टी एनसीपी के 7 सदस्य हैं.

एयूडीएफ- असम की पार्टी एयूडीएफ के 3 सांसद हैं और पार्टी ने अभी फैसला नहीं लिया है.

आरजेडी - यूपीए की सहयोगी पार्टी आरजेडी ने अभी फैसला नहीं किया है. आरजेडी के 4 सांसद हैं. हालांकि आरजेडी मोदी सरकार के खिलाफ लगातार अभियान चलाती रही है.

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