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शराब बंदी पर सभी संशय खत्म करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि वह शराब को बंद करना चाहते हैं. नीतीश ने कहा है कि वह इसके लिये आगामी एक अप्रैल 2016 से नई शराब नीति लागू करेंगे. बिहार विधानसभा परिसर में नीतीश ने कहा, 'शराबबंदी को लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है. कोई कन्फ्यूजन होगा तो किसी के मन में होगा. सरकार के निश्चय में किसी प्रकार का कन्फ्यूजन नहीं है.' नीतीश ने साफ किया कि उन्होंने मद्य निषेध दिवस के अवसर पर 26 नवम्बर को जो बातें कही थीं उस पर कायम हैं.
शराब से बिगड़ रहा है समाज
नीतीश ने कहा कि उनकी चिंता गांव में रहने वाले गरीब लोगों के लिए हैं, जिसकी आमदनी सीमित है और शराब की लत इतनी बुरी है कि उनके परिवार को बर्बाद कर रही है. महिलायें बहुत कष्ट में है और इसको लेकर समाज में अनेक प्रकार की कुरीतियां आ रही है. समाज बिगड़ रहा है. उन्होंने कहा कि गांव के गरीब लोगों का परिवार शराब की बुरी लत के कारण कुपोषण का शिकार हो रहा है. जो पैसे शराब में खर्च कर देते है, उस पैसे का उपयोग अगर खाने में करेंगे तथा अन्य प्रकार से करेंगे तो उनका जीवन स्तर उठेगा, ये हमारी चिंता का विषय है. महिलाओं का जो कष्ट है वह भी हमारी चिंता का विषय है. उसी के मद्देनजर हम लोगों का निर्णय है कि हम नई शराब नीति को लागू करेंगे, जिसमें शराब को बंद करने का निर्णय है.
शराब बंदी के लिए बनाएंगे कार्य योजना
नीतीश ने कहा कि शराब बंदी को लेकर विस्तृत कार्य योजना बनाने के लिये हमने संबंधित विभाग को कहा है. उन्होंने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि चुनाव के पूर्व जीविका के कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की दीदीयों की मांग पर उनसे कहा था कि अगली बार हम सरकार में आयेंगे तो शराबबंदी को लागू करेंगे, हमने वचन दिया था. 26 नवम्बर मद्य निषेध दिवस के अवसर पर हमने उस वचन को दुहराया है.