Advertisement

बच्चों को अंडा नहीं खाने दे रहे 'मामा', मिड डे मील में अंडा खिलाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में

महाराष्ट्र और हरियाणा में गोमांस पर प्रतिबंध के बाद बीजेपी शासित मध्य प्रदेश ने एक कदम आगे बढ़ते हुए आंगनबाड़ियों में अंडा परोसने की मनाही कर दी है. शिवराज सरकार ने आंगनबाड़ियों में बच्चों को मिड डे मील में अंडा खिलाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

Shivraj Singh Chauhan (file) Shivraj Singh Chauhan (file)
aajtak.in
  • भोपाल,
  • 01 जून 2015,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

महाराष्ट्र और हरियाणा में गोमांस पर प्रतिबंध के बाद बीजेपी शासित मध्य प्रदेश ने एक कदम आगे बढ़ते हुए आंगनबाड़ियों में अंडा परोसने की मनाही कर दी है. शिवराज सरकार ने आंगनबाड़ियों में बच्चों को मिड डे मील में अंडा खिलाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

राज्य में 'मामा' के विशेषण से लोकप्रियता हासिल करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हफ्ते में तीन दिन बच्चों को दूध दिया जाएगा.

Advertisement

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के महिला और बाल विकास विभाग की ओर से मंडला, अलीराजपुर और होशंगाबाद जिलों की आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडे देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उस प्रस्ताव को रोक दिया है.

शिवराज सिंह चौहान का कहना कि प्रदेश में दूध की कमी नहीं है और आंगनबाड़ियों में अंडे नहीं खिलाएंगे, बल्कि तीन दिन दूध परोसा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'सवाल उठा कि दूध इतना पैदा होगा, तो जाएगा कहां, मैंने कहा, आगे भी मार्केट मिलेगा, लेकिन आंगनबाड़ियों में अंडे नहीं खिलाएंगे. तीन दिन दूध पिलाने का काम करेंगे, दूध का उत्पादन बढ़ा है.'

स्वयंसेवी संस्थाओं का मानना है कि अंडे में प्रोटीन होता है और आदिवासी इलाकों में अंडा उनके खान पान में शामिल है. संस्थाओं का कहना है कि पके हुए खाने में अंडे को जोड़ने की जरुरत है. प्रदेश में सतना, श्योपुर, मंडला, डिंडोरी, झाबुआ, खंडवा बैतूल जिलों में कुपोषण है. इसके अलावा भी जो जिले है वहां 3 से 6 साल के बच्चे जो आंगनबाड़ियों में आते है, उन्हें भी पोषण आहार नहीं मिलता है.

Advertisement

कांग्रेस उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में सतना, रीवा, अलीराजपुर खंडवा जिले कुपोषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां 70 से 80 फीसदी आदिवासी रहते हैं. जो नया प्रस्ताव बाल विकास विभाग ने बनाया था, सोच समझ कर बनाया था, ये वहीं जिले है जहां आदिवासी ज्यादा थे.

अग्रवाल ने कहा कि शिवराज सिंह बच्चों के कुपोषण पर ध्यान देने के बजाय आरएसएस का एजेंडा लागू कर रहे हैं और अंडे का विरोध कर रहे है.

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने भी 2013 में बच्चों को अंडे देने की वकालत की थी, लेकिन बीजेपी राज्यों ने उस समय भी उसे अनसुना कर दिया, जबकि देश के कुछ राज्यों में बच्चों को दूध और अंडा दोनों ही दिए जा रहे है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement