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सफाई कर्मचारियों के 'दरोगा' बनकर रह गए बीजेपी पार्षद

बीजेपी पार्षद कहते हैं कि लोग हमारे पास छोटे-छोटे कामों के लिए आते हैं. लेकिन, उत्तरी नगर निगम से पैसे ही नहीं मिलते और जब भी पैसे की डिमांड की जाती है तो फिर सफाई कर्मचारियों का 'दरोगा' बनने को कह दिया जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आजकल पार्षद परेशान हैं. उनकी परेशानी का कारण है कि उन्हें पार्षद बने हुए 6 महीनों से भी ज्यादा हो चुके हैं लेकिन, विकास कार्य नहीं कर पा रहे हैं. इसकी वजह वही पुरानी है, पैसे नहीं हैं.

उत्तरी नगर निगम के ज्यादातर पार्षदों का कहना है कि पार्षद सिर्फ अब सफाई कर्मचारियों के दरोगा बनकर रह गए हैं. उनका काम सिर्फ सफाई करवाना रह गया है. जब भी अपने इलाके के विकास को लेकर फंड की बात करते हैं तो जवाब आता है पैसे नहीं हैं. देखिए आपके इलाके में सफाई होती है या नहीं और सफाई कर्मचारियों पर नजर रखें तो फिर सैनिटेशन को लेकर इतना लंबा चौड़ा विभाग किस काम का है सिर्फ सफाई कर्मचारियों से काम कराएं.

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बीजेपी पार्षद कहते हैं कि लोग हमारे पास छोटे-छोटे कामों के लिए आते हैं. लेकिन, उत्तरी नगर निगम से पैसे ही नहीं मिलते और जब भी पैसे की डिमांड की जाती है तो फिर सफाई कर्मचारियों का 'दरोगा' बनने को कह दिया जाता है.

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