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नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने किया आगाह- विनाश के कगार पर है मानवता

परमाणु विरोधी समूह की ओर से शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद आईसीएएन प्रमुख बीट्रिस फिन ने अपने संबोधन में कहा कि सभी राष्ट्रों को परमाणु हथियारों का अंत करने का फैसला करना चाहिए, नहीं तो हम खत्म हो जाएंगे.

आईसीएएन प्रमुख बीट्रिस फिन आईसीएएन प्रमुख बीट्रिस फिन
सुरभि गुप्ता/BHASHA
  • ओस्लो,
  • 11 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:23 AM IST

उत्तर कोरियाई परमाणु परीक्षणों के बाद अमेरिका के साथ उसके विवाद की पृष्ठभूमि में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ‘द इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वीपंस’ (आईसीएएन) ने आगाह किया कि मानवता विनाश के कगार पर है. आईसीएएन प्रमुख बीट्रिस फिन और अभियान से जुड़ी सेत्सुको थुरलो नोबल पुरस्कार लेने ओस्लो पहुंची.

क्या परमाणु हथियारों का अंत होगा?

परमाणु विरोधी समूह की ओर से शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद आईसीएएन प्रमुख बीट्रिस फिन ने अपने संबोधन में कहा कि सभी राष्ट्रों को परमाणु हथियारों का अंत करने का फैसला करना चाहिए, नहीं तो हम खत्म हो जाएंगे. फिन ने कहा कि हमारे सिर पर हमेशा तलवार लटकी हुई है. उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि ये हथियार हमें स्वतंत्र रखेंगे, लेकिन उन्होंने हमें अपनी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया. बीट्रिस फिन ने बताया कि आईसीएएन विवेकशील फैसला का प्रतीक है. आईसीएएन उनका प्रतिनिधित्व करता है, जो परमाणु हथियारों का अंत चाहते हैं.

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समारोह में हिरोशिमा बम हमला देख चुकी सेत्सुको थुरलो ने बताया, 'हमने संघर्ष की अपनी कहानी साझा की है. मानवता और परमाणु हथियार साथ-साथ नहीं रह सकते. परमाणु हथियार किसी देश के उत्थान का नहीं, बल्कि बुराई का प्रतीक हैं.

सैकड़ों गैर-सरकारी समूहों का गठबंधन आईसीएएन

आईसीएएन दुनिया भर के सैकड़ों गैर-सरकारी समूहों (एनजीओ) का गठबंधन है. ये संगठन परमाणु हथियारों पर रोक के लिए संधि की खातिर काम करता रहा है, जिसे जुलाई में 122 देशों ने स्वीकार किया था. लेकिन परमाणु शक्तियों से लैस नौ देशों ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए.

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