
आरएसएस मुखिया मोहन भागवत ने एक बार फिर आरक्षण पर बयान दिया है. भागवत ने कहा कि आरक्षण किसको मिले, इसका फैसला लेने के लिए एक गैर-राजनीतिक समिति का गठन होना चाहिए.
कोलकाता में चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक सेशन में भागवत ने कहा कि कई लोग आरक्षण की मांग कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इसके लिए एक नॉन पॉलिटिकल कमेटी बनाई जाए, जो यह तय करे कि आरक्षण के हकदार कौन हैं?
गैर-राजनीतिक पार्टी का स्वार्थ नहीं होगा
भागवत ने कहा कि अगर कमेटी गैर-राजनीतिक रहेगी तो उसका कोई निहित स्वार्थ नहीं होगा. भागवत ने यह भी कहा कि समिति के पास इतने हक हो कि वह तय कर सके कि समाज के किस वर्ग को आगे बढ़ाया जाना चाहिए और उन्हें कब तक आरक्षण दिया जाना चाहिए. साथ ही समिति को प्रस्तावों को लागू करने का भी अधिकार होना चाहिए.
मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी शख्स को सिर्फ इसलिए मौके न मिलें कि वह किसी जाति विशेष में पैदा हुआ है. समाज में सबको बराबर मौके मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक ऐसा नहीं होगा तब आरक्षण को लेकर ऐसे ही हालात बने रहेंगे.
बता दें कि इससे पहले भी भागवत के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर बवाल हो चुका है. भागवत ने पिछले साल सितंबर में कहाथा कि देश में आरक्षण की नीति की समीक्षा होनी चाहिए. इस पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आंदोलन की धमकी तक दे डाली थी.