
नॉर्थ एमसीडी कमिश्नर मधुप व्यास पर लगे आरोपों के बाद पहली बार वह सार्वजनिक मंच पर दिखे. इस दौरान उन्होंने आरोपों पर सफाई दी. नॉर्थ एमसीडी कमिश्नर मधुप व्यास सोमवार को निगम की सदन बैठक में पहुंचे. सदन की बैठक व्यास के आते ही विपक्ष उनसे आरोपों पर सफाई मांगने लगा, इस दौरान जमकर हंगामा भी हुआ.
बता दें कि नॉर्थ एमसीडी की पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव के द्वारा आयुक्त मधुप व्यास पर लगाए गए आरोपों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को सदन की बैठक में इसको लेकर बीजेपी से लेकर विपक्ष तक ने निगमायुक्त की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और अधिकारियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए महापौर आदेश गुप्ता ने एक और जांच समिति के गठन की घोषणा कर दी है. फर्क सिर्फ इतना होगा कि इस समिति में निगम पार्षद सदस्य हैं.
दरअसल, विपक्ष में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल द्वारा अल्पकालिक प्रश्न लगाकर पूर्व अतिरिक्त आयुक्त रेणु जगदेव द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर चर्चा की मांग की गई थी. इसपर विपक्ष के साथ सत्तापक्ष ने आयुक्त पर हमला बोला. विपक्ष के पार्षदों ने इस मामले की सीबीआई और सीवीसी से जांच की मांग की.
मुकेश गोयल ने कहा कि कमिश्नर मधुप व्यास ने रेणु जगदेव द्वारा आरोप लगाने के बाद उनको कार्यमुक्त कर दिया. जबकि सदन ने इसको लेकर काफी पहले ही प्रस्ताव पारित कर दिया था. हालांकि कमिश्नर व्यास ने सदन में साफ किया की मुकेश गोयल पार्षदों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं और रेणु जगदेव और अजय कौशल दोनों के बारे में एलजी को लिखा गया है.
कमिश्नर ने सफाई में कहा कि "इस सदन ने प्रस्ताव पारित किया था कि रेणु जगदेव को कार्यमुक्त किया जाए लेकिन 31 मार्च (वित्त वर्ष का आखिरी दिन) के चलते रेणु जगदेव को नहीं हटाया. कमिश्नर ने कहा कि 23 मई 2018 को मेयर दफ्तर से मुझे पत्र मिला जिसमें बताया गया कि जांच के लिए समिति बनाई गई है.
मुकेश गोयल के आरोपों पर कमिश्नर ने कहा, 'जो अफसर एलजी के ज़रिए आते हैं उनके बारे में हमें एलजी को बताना होता है और इसलिए रेणु जगदेव के बारे में बताया गया था उन्हें और अजय कौशल को हमने फिलहाल लंबी छुट्टी पर भेज दिया है.'
पिछले दिनों पूर्व एडिशनल कमिश्नर रेणु जगदेव ने मेयर और एलजी समेत चीफ सेक्रेटरी को शिकायत करके निगम की खैबरपास में 15000 हजार करोड़ की कीमत वाली 95 एकड़ जमीन पर L&DO से चल रही बातचीत को खत्म करने के लिए कमिश्नर द्वारा दवाब बनाने का आरोप लगाया था.
कांग्रेस ने सदन में पूछा कि एक तरफ कमिश्नर ने रेणु जगदेव को कार्यमुक्त कर दिया जबकि अन्य अधिकारी अजय कौशल को कार्यमुक्त नहीं किया गया. इसका जवाब जानने के लिए जब कमिश्नर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया.