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तानाशाह की सीक्रेट यात्राः 3 दिन चीन में था किम जोंग उन

दो दिन पहले हमने 'वारदात' में आपको बताया था कि उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग-उन के चीन जाने की खबर है. वो भी ट्रेन से. अब 24 घंटे बाद चीन और उत्तर कोरिया ने बाकायदा वीडियो और तस्वीरें जारी कर मार्शल के चीन दौरे की तस्दीक कर दी है. खबरों के मुताबिक मार्शल किम जोंग उन तीन दिन तक चीन की राजधानी बीजिंग में थे. मगर मार्शल के चीन दौरे की ऐसी पर्दादारी थी कि खुलासा तब हुआ, जब वो वापस उत्तर कोरिया पहुंच गए.

किम जोंग उन की चीन यात्रा की पुष्टि 3 दिन बाद हुई किम जोंग उन की चीन यात्रा की पुष्टि 3 दिन बाद हुई
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 29 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:28 PM IST

दो दिन पहले हमने 'वारदात' में आपको बताया था कि उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग-उन के चीन जाने की खबर है. वो भी ट्रेन से. अब 24 घंटे बाद चीन और उत्तर कोरिया ने बाकायदा वीडियो और तस्वीरें जारी कर मार्शल के चीन दौरे की तस्दीक कर दी है. खबरों के मुताबिक मार्शल किम जोंग उन तीन दिन तक चीन की राजधानी बीजिंग में थे. मगर मार्शल के चीन दौरे की ऐसी पर्दादारी थी कि खुलासा तब हुआ, जब वो वापस उत्तर कोरिया पहुंच गए.

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उन दोनों नेताओं के बीच की गर्मजोशी बता रही है कि सारी खुदाई एक तरफ और चीन का भाई एक तरफ. मुमकिन है ये तस्वीरें हैरान करें. मगर हैरान करने के साथ साथ ये पूरी दुनिया. खासकर अमेरिका को पैग़ाम दे रही हैं कि साढ़े पांच फीट के इस मार्शल पर ड्रैगन का हाथ और दोनों साथ हैं. और जब तक चीन है तब तक उत्तर कोरिया का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा. इन तस्वीरों के कई मायने हैं, जिनको समझना दुनिया के लिए भी और डोनल्ड ट्रंप के लिए भी ज़रूरी है. मगर उससे पहले अपने 7 साल के कार्यकाल के दौरान किसी राष्ट्राध्यक्ष से किम की पहली मुलाकात को बहुत गौर से समझिए कि किम के लिए ये मुलाकात कितनी ज़रूरी थी.

बीजिंग के दायुताई स्टेट गेस्ट हाउस में दोनों नेताओं की ये मुलाकात हुई. बताया जाता है कि चीन के लिए जो मेहमान बहुत खास होते हैं उन्हीं से चीनी राष्ट्रपति इस गेस्ट हाउस में मिलते हैं. और यहीं शी जिनपिंग ने उत्तर कोरिया से अपने दोस्त का रेड कार्पेट वेलकम किया. हालांकि अपनी खास ट्रेन से बीजिंग पहुंचने के बाद सबसे पहले किम जोंग उन ग्रेट हाल ऑफ द पिपल गए. जहां उनका चीनी राष्ट्रपति ने स्वागत किया और फिर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान दोनों नेता एक साथ पोडियम पर खड़े हुए. जहां चीनी राष्ट्रपति की बीवी के साथ-साथ किम की बीवी री सोल जू भी मौजूद थीं. करीब आधे घंटे चले स्वागत समारोह के दौरान दोनों नेताओं में काफी नज़दीकी नज़र आ रही थी.

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शी जिंगपिंग के भाषण के बाद किम ने अपने भाषण में चीन को भरोसा दिलाया कि वो अपने मुल्क के परमाणु प्रसार को रोकेंगे. पिछले काफी वक्त से उत्तरी कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के दौरान उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों पर चीन के समर्थन के चलते दोनों देशों के बीच रिश्तों में थोड़ा तनाव आया था. जिसमें सुधार लाने के इरादे से किम जोंग उन ने अपने कार्यकाल के दौरान पहली विदेश यात्रा की. चीन हमेशा से उत्तर कोरिया का साथी रहा है और ऐसे वक्त में जब अमेरिका का दखल कोरियाई पेनिनसुला में बढ़ता जा रहा है. किम के लिए किसी भी हाल में चीन का साथ ज़रूरी था.

चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत बेहद सफल रही. दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ मई के महीने में होने वाली बातचीत से पहले किम जोंग-उन का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. अपने परमाणु प्रसार को रोकने का वादा करने के बदले में चीन ने भी उत्तर कोरिया के साथ रिश्ते मजबूत करने का वादा किया है. ये उसी कामयाबी बातचीत का नतीजा है कि शी जिंगपिंग उन्हें दायुताई स्टेट गेस्ट हाउस भी ले गए. जहां दोनों नेताओं ने मौजूदा हालात पर अपनी अपनी राय रखी. इतना ही नहीं जिंगपिंग मुलाकात के बाद किम जोंग उन और उनकी बीवी को उनकी कार तक छोड़ने भी आए.

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इसके बाद किम जोंग उन चाइनीज़ एकेडमी ऑफ साइंसेस का मेला भी देखने गए. जहां उन्हें चीनी वैज्ञानिकों ने नए अविष्कारों के बारे में बताया. चीनी एजेंसी के मुताबिक इसके बाद उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन अपने कुनबे के साथ इसी हरी ट्रेन में बैठकर अपने मुल्क रवाना हो गए.

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