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चेतावनी के बाद भी उत्तर कोरिया ने किया रॉकेट का परीक्षण

उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी के रॉकेट को प्रक्षेपित कर दिया. उत्तर कोरिया द्वारा रॉकेट प्रक्षेपण की दक्षिण कोरिया ने निंदा करते हुए इसे बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रतिबंधित परीक्षण करार दिया है. अमेरिका तथा जापान ने भी इस परीक्षण की निंदा की.

सुरभि गुप्ता/IANS
  • सियोल,
  • 07 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

दक्षिण कोरियाई सेना की चेतावनी के बाद भी उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी के रॉकेट को रविवार सुबह लॉन्च कर दिया. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि विभिन्न स्थितियों के मद्देनजर, उत्तर कोरिया ने लॉन्च पैड पर मिसाइल बूस्टर तैयार करने से लेकर ईंधन भरने सहित प्रक्षेपण की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

पहले ही जता दी गई थी संभावना
अधिकारी ने संभावना जताते हुए कहा था कि प्योंगयांग रविवार को लंबी दूरी की मिसाइल का प्रक्षेपण करेगा . उन्होंने कहा था कि सेना प्रक्षेपण के लिए तैयार है. यह संभावना इसलिए जताई जा रही थी क्योंकि उत्तर कोरिया ने प्रक्षेपण के समय को 8-25 फरवरी से बदलकर 7-14 फरवरी कर दिया था.

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प्रतिबंधित है परीक्षण
सियोल के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्योंगयांग ने संशोधित योजना की जानकारी शनिवार को इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन को दी. उत्तर कोरिया द्वारा रॉकेट प्रक्षेपण की दक्षिण कोरिया ने निंदा करते हुए इसे बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रतिबंधित परीक्षण करार दिया है.

उत्तर कोरिया ने देश के पश्चिमी तट पर स्थित तोंगचांग-री रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र से इस रॉकेट को प्रक्षेपित किया है.

अमेरिका-जापान ने की आलोचना
अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण को ‘अस्थिरताकारक और उकसाने वाला’ करार दिया है, वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस प्रक्षेपण की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है. व्हाइट हाउस की नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर सुसैन राइस ने एक बयान में कहा, ‘उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रम हमारे करीबी सहयोगियों की सुरक्षा सहित हमारे हितों पर गंभीर खतरा पैदा करते हैं और व्यापक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं.’ उधर टोकियो से मिली खबर के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रक्षेपण ‘बेहद असहनीय’ है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार विरोध के बावजूद किए गए इस प्रक्षेपण को आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ करार दिया है.

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