Advertisement

दुनिया को अपनी ताकत दिखा रहा है किम जोंग उन!

कामयाबी के जश्न तो दुनिया में बहुत मनाए गए मगर किसी ने शायद ऐसा जश्न नहीं मनाया होगा, जैसा उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर मार्शल किम जोंग उन ने मनाया. वो भी 9 हजार फीट की ऊंचाई पर ज्वालामुखी के सामने.

किम ने सफल मिसाइल परीक्षण का जश्न ज्वालामुखी पर मनाया किम ने सफल मिसाइल परीक्षण का जश्न ज्वालामुखी पर मनाया
परवेज़ सागर/सुप्रतिम बनर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

कामयाबी के जश्न तो दुनिया में बहुत मनाए गए मगर किसी ने शायद ऐसा जश्न नहीं मनाया होगा, जैसा उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर मार्शल किम जोंग उन ने मनाया. वो भी 9 हजार फीट की ऊंचाई पर ज्वालामुखी के सामने. शायद किम जोंग उन दुनिया को या खासकर अमेरिका को बताने की कोशिश कर रहा है कि जितनी ज्वाला इस ज्वालामुखी में है उतनी ही इसकी मिसाइलों और परमाणु बमों में भी है. और वक्त पड़ेगा तो ये उसका इस्तेमाल भी करेगा.

Advertisement

धधकती ज्वाला. उबलता लावा. सबकुछ झुलसा देने वाली आग. ज़ोरदार धमाके. अंगारों की बारिश. ये कुदरत की तबाही है. अब किम जोंग उन की तबाही देखिए. न्यूक्लियर बम. हाइड्रोजन बम. केमिकल बम. मिसाइल बम. तोप का गोला. बंदूक की गोलिया. कुल मिलाकर ये दोनों ही तबाही, इंसानी सभ्यता के लिए खतरनाक है. मगर क्या आप जानते हैं इन दोनों तबाहियों का आपस में कनेक्शन है.

चीन से लगती सीमा में उत्तर कोरिया का ये इलाका माउंट पेक्तु का इलाका है. कोरियाई पेनिनसुला की ये सबसे ऊंची पहाड़ी हर सौ-दो सौ सालों में ज्वालामुखी बनकर तबाही मचाती है. मगर इस बार इस 2 हजार 744 मीटर ऊंची पहाड़ी पर चढ़कर उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन ने इंसानी तबाही का जश्न बनाया है.

किम जोंग उन उत्तर कोरिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर जा चढ़ा. पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर किम ने मनाया कामयाबी का जश्न. किम जोंग उन का ये जश्न सत्ता के शिखर पर पहुंचने का नहीं बल्कि अमेरिका तक पहुंचने वाली मिसाइल के सफल परीक्षण का है. देश की सबसे ऊंची जगह पर चढ़कर शायद किम जोंग उन ने दुनिया को ये बताने की कोशिश की कि अब उसकी पहुंच दुनिया के किसी भी हिस्से तक है. और अपनी आदत से उलट किम जोंग उन ने अपनी इस खुशी का बाकायदा वीडिया बनाकर इज़हार किया है.

Advertisement

देखिए करीब तीन हज़ार मीटर ऊंची इस पहाड़ी चढ़कर किम जोंग उन ये जश्न अपनी सेना के साथ अपने दादा किम इल सुंग की मूर्ति के सामने मनाया है. किम ने सबसे पहले अपने दादा को श्रद्धांजली दी और फिर सेना ने उसकी शान में परेड की. और दूसरी तरफ जब अकेले किसी शहंशाह की तरह चलता हुआ नज़र आया तो सेना खुशी से तालियां बजाने लगी.

इस जश्न के बाद सेना ने अपने सुप्रीम लीडर मार्शल किम जोंग उन को सलामी दी. फिर सेना के बैंड ने जैसे ही देशभक्ति की धुन बजाई. ये पूरा का पूरा पहाड़ी इलाका गूंज उठा. अपने सुप्रीम लीडर की मौजूदगी में सेना का जोश देखते ही बन रहा था.

इस दौरान पूरे वक्त किम का चेहरे अलग ही चमक रहा था. शायद ये हंसी अपने देश को और सशस्त बनाने की थी. नॉर्थ कोरिया की नई इंटरक़ॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-15 के सफल परीक्षण के बाद से ये जश्न देश में लगातार चल रहा है. मगर ये पहली बार है जब ऐसा जश्न करीब तीन हज़ार मीटर की ऊंचाई पर मनाया जा रहा हो वो भी सुप्रीम लीडर मार्शल किम जोंग उन की मौजूदगी में.

इस मौके पर पहाड़ की चोटी पर पहुंचकर मिसाइलों के कामयाब टेस्ट से गदगद किम जोंग उन इतराहट वाली हंसी हंसा. मानों वो कह रहा हो कि अमेरिका अब उसकी जद से बाहर नहीं. इसके बाद किम जोंग उन ने भाषण देकर अपनी सेना का हौंसला बढ़ाया. अपने सुप्रीम लीडर का भाषण सुनकर सेना के कई अधिकारी भावुक हो गए. और आखिर में किम जोंग उन ने यहीं खाई अमेरिका की तबाही की कसम.

Advertisement

उत्तर कोरिया के किम राजवंश और माउंट पेक्तु के बहुत पुराना नाता है. उत्तर कोरिया में इसे सबसे पवित्र जगह माना जाता है. जब भी उत्तर कोरिया का कोई शासक अपनी ताकत का प्रदर्शन करता है तो वो इस पहाड़ी चोटी पर इसका शुक्रिया अदा करने भी आता है. ऐसा नहीं है कि किम जोंग उन ने पहली बार माउंट पेक्तू का दौरा किया हो. वो पहले भी यहां आ चुका है. लेकिन माउंट पेक्तू पर किम जोंग उन के इस दौरे को उसके पिछले मिसाइल टेस्ट की कामयाबी से जोड़कर देखा जा रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement