
उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने अपना पांचवां सफल परमाणु परीक्षण किया है. इससे पहले परमाणु परीक्षण स्थल के नजदीक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इसके कुछ घंटों बाद सरकारी परीक्षण की जानकारी दी गई.
दक्षिण कोरिया का मानना है कि यह उत्तर कोरिया का अब तक का 'सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण' है. उसने उत्तर कोरिया के इस कदम पर चिंता व्यक्त की है. दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति पार्क ग्वेन-ही ने इसे 'आत्म-विनाश' वाला कदम बताया और कहा कि इससे नेता किम जोंग-उन की सनक ज़ाहिर होती है. इधर अमरीका ने भी उत्तर कोरिया के इस क़दम के गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है.
पहले जब भूकंप के झटकों की खबर आई थी तो अमेरिका, यूरोप और चीन की भूकंप जांचने वाली एजेंसियों के अनुसार भूकंप सतही स्तर पर 0030 जीएमटी पर आया था. दक्षिण कोरिया के सरकारी अधिकारियों ने परमाणु परीक्षण की संभावना व्यक्त की थी. सोल ने इसके बाबत आपातकालीन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है.
चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि ये भूकंप का झटका नहीं बल्कि संदिग्ध विस्फोट था. जापान के सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया है. जापान ने संबंधित मंत्रालय को इस घटना के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने का काम भी दे दिया है.
अमेरिका ने किम जोंग उन को किया ब्लैकलिस्टेड
दो महीने पहले ही अमेरिका की उत्तर कोरिया की निगरानी परियोजना अमेरिकी 38 उत्तर ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए नॉर्थ कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थल पर बड़े पैमाने पर गतिविधि रिकॉर्ड की थी. अमेरिका ने 6 जुलाई को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को मानवाधिकारों के हनन के लिए ब्लैकलिस्टिड कर दिया था. जिसके बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि उत्तर कोरिया पांचवां परमाणु परीक्षण कर सकता है.
जनवरी में हुआ था चौथा परमाणु परीक्षण
इसी साल जनवरी माह में हुए चौथे परमाणु परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ आर्थिक और दूसरे प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया गया था. लेकिन अमरीका और चीन के बीच बढ़ते तनाव की वजह से उत्तर कोरिया के खिलाफ कोई साझा कदम उठाने में दिक्कत आ सकती है. चीन उत्तर कोरिया का सबसे करीबी देश है. हालांकि, वो उसके परमाणु परीक्षणों के खिलाफ है लेकिन साथ ही कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहता जिससे दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच तनाव पैदा हो.