
बीजेपी ने कालेधन के खिलाफ जनसमर्थन जुटाने के लिए वाल्मीकि मंदिर से मार्च निकाला. ये जगह इसलिए चुनी गई क्योंकि यहां से पीएम ने गंदगी के खिलाफ अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की थी और अब जबकि नोटबंदी का फैसला लिया है, तो पार्टी इसे कालेधन की सफाई का अभियान करार दे रही है. पार्टी ने वाल्मीकि मंदिर के परिसर में खूब भीड़ भी जुटाई और कालेधन के खिलाफ नारेबाजी भी की. मार्च शुरु होने से पहले परिसर में दिल्लीभर से आए कार्यकर्ता जमा हुए.
लेकिन मार्च शुरू होता उसके पहले हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला. क्योंकि मार्च में शामिल होने आए कार्यकर्ता परिसर के अंदर ही दीवार के सहारे पेशाब करते नजर आए. हैरानी इस बात की है कि इन कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोकने वाला भी कोई नहीं दिखा.
मंच से कालेधन के खिलाफ मार्च के लिए नारेबाजी के साथ ही खूब भाषणबाजी भी हुई, साथ ही मार्च में शामिल होने आए लोगों के लिए तमाम निर्देश दिए जा रहे थे, लेकिन मंच के सामने ही पेशाब कर रहे लोगों पर किसी का ध्यान गया. लोगों ने स्वीकारा कि वो कालेधन के खिलाफ मार्च में शामिल होने आए हैं और टायलेट नहीं होने की वजह से उन्हें दीवार के सहारे पेशाब करने के लिए मजबूर होना पड़ा. दिलचस्प बात ये भी रही कि ये लोग इस बात से भी अवगत थे कि वाल्मिकी मंदिर परिसर से ही दो साल पहले मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी.