
नोटबंदी को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पहली बार बोलते हुए कहा कि इस कदम से गरीबों की परेशानियां बढ़ी हैं. राष्ट्रपति ने साथ ही आगाह किया कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में अस्थाई मंदी आ सकती है.
राष्ट्रपति ने देश भर के राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए नोटबंदी का जिक्र किया. राष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दिए गए अपने संदेश में कहा कि नोटबंदी से निश्चित ही गरीबों की परेशानियां बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी, लेकिन इससे फिलहाल अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी प्रभाव पड़ेगा. इससे अस्थायी आर्थिक मंदी संभव है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पीएम के पैकेज से राहत की उम्मीद है.
लंबे समय के फायदों का इंतजार नहीं कर सकते गरीब
राष्ट्रपति ने कहा कि 'वह इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि गरीबों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशें हो रही हैं और संभवत: नोटबंदी से लंबे समय में गरीबों को फायदा होगा.' हालांकि इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा 'उन्हें संदेह है कि गरीब इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते. इसलिए यह जरूरी है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से मदद मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि वे भी भूख, बेरोजगरी और शोषण रहित भारत की ओर अग्रसर हो सकें.
निष्पक्ष और शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव करवाने की अपील
राष्ट्रपति ने साथ ही पांच राज्यों में अगले महीने शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि चुनाव अक्सर वोट बैंक पॉलिटिक्स पर लड़ा जाता है. इसके लिए विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा किया जाता है, जिससे समाज को नुकसान होता है. ऐसे में समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए राज्यपाल और उपराज्यपाल को अहम भूमिका निभानी चाहिए.
राष्ट्रपति की नसीहतों पर ध्यान दें पीएम मोदी : कांग्रेस
राष्ट्रपति के इस बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर इसे प्यार की भाषा में कहें, तो यह घर के शैतान बच्चे को कान ऐठ कर रास्ता दिखाने जैसा है. मगर जिसको रास्ता दिखाया जा रहा है, वह इतना ज़िद्दी और उद्दंडी है कि वह सुनने को तैयार नहीं.
उन्होंने कहा, देश के प्रथम नागरिक और हमारे महामहीम ने सरकार को तीन नसीहतें दी हैं. नोटबंदी की वजह अर्थव्यवस्था में अस्थायी रूप से नरमी आने की जो बात राष्ट्रपति ने कही, मोदी सरकार को उस पर ध्यान देना चाहिए. राष्ट्रपति की कही दूसरी अहम बात कि गरीब ज्यादा दिनों तक ये परेशानियां नहीं सकते, ऐसे में मोदी सरकार को तत्काल संभव उपाय करने चाहिए. लेकिन मोदी जी की सरकार अब आम लोगों की भलाई की जगह सूट-बूट की सरकार हो गई है. गरीबों के अधिकार को बदलकर अब बड़े उद्योगपतियों की सरकार बन गई है.