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जालंधर में कथित तौर पर महामारी का रूप ले चुके डेंगू का इलाज अब प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से करने का बीड़ा यहां के एक आयुर्वेदिक कालेज ने उठाया है. इसके तहत इस महीने की 27 तारीख से एक शिविर लगाया जाएगा.
जालंधर स्थित दयानंद आयुर्वेदिक कालेज के प्राध्यापक डा. राजकुमार शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आयुर्वेद में डेंगू का समुचित इलाज है. इसे ध्यान रखते हुए महाविद्यालय की ओर से एक ‘डेंगू ट्रीटमेंट क्लिनिक’ का आयोजन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस शिविर का आयोजन इस महीने की 27 तारीख से शुरू किया जाएगा जो अगले महीने की नौ तारीख तक चलेगा. शर्मा ने कहा कि मरीजों की स्थिति को देखते हुए शिविर के समापन की तिथि में बदलाव भी किया जा सकता है.
शर्मा ने कहा कि आयुर्वेदिक इलाज के तहत रोगी को एक विशेष प्रकार का हर्बल जूस पिलाया जाता है, जिसमें नीम, गिलोय, आंवला, अजवायन, काली मिर्च और तुलसी तथा अन्य जड़ी बूटियों का मिश्रण शामिल होता है. इस बीमारी की चपेट में आये रोगी तथा जिन्हें यह रोग लगने का सबसे ज्यादा खतरा है उनके लिए यह लाभदायक है.{mospagebreak}उन्होंने दावा किया, ‘‘इस जूस को अगर लगातार सात से दस दिन तक पिया जाए तो इस रोग से पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है. यह डेंगू से बचाव में भी लाभदायक है.