
झारखंड की रघुवर सरकार अब तक शराबबंदी का समर्थन करने का मन बना रही थी. लेकिन अब यू टर्न लेते हुए खुद शराब बेचने का ऐलान कर दिया है. बीते दिन कैबिनेट में लिए फैसले के मुताबिक, सरकार 1 अगस्त से बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिये सरकार शराब बेचेगी. सरकार का मानना है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी. वैसे इस फैसले से सरकार के कुछ मंत्री नाखुश बताए जाते हैं.
शराबबंदी पर सरकार का यू टर्न
महज कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरी सभा में बिहार में हुई शराबबंदी का समर्थन करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया था और दूसरी राज्य सरकारों को इससे सबक लेने को कहा था. लेकिन खुद उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्यों ने ही उनके मंत्र को ताक पर रख दिया है. मंगलवार को हुई कैबिनेट की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि झारखंड सरकार खुद शराब बेचेगी. इस बाबत यह सफाई दी गई कि खुद शराब बेचने का फैसला राजस्व बढ़ाने के मकसद से लिया है.
हैरत की बात यह है कि कैबिनेट की पिछली बैठक में जब इस बाबत चर्चा हुई थी तो रघुवर कैबिनेट के चार मंत्रियों ने राज्य में शराबबंदी की वकालत की थी. इनमें राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह, खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के अलावा दो अन्य मंत्री शामिल थे. बताया जाता है कि अपनी बात रखते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सरकार पड़ोसी राज्य बिहार का मॉडल अपनाने के लिए तैयार नहीं है, तो फिर गुजरात का मॉडल अपनाया जा सकता है.
राजस्व बढ़ाने के लिए उठाया कदम
वैसे सरकार का अनुमान है कि इस फैसले के बाद सरकारी खजाने में 1500 करोड़ रुपये का राजस्व आएगा, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा करीब 800 करोड़ का है. इस वक्त राज्य में करीब 1400 लाइसेंसी शराब की दुकानें हैं. झारखंड सरकार अब तक लॉटरी सिस्टम के जरिये शराब विक्रेताओं का चयन करती थी, लेकिन अब लॉटरी सिस्टम खत्म करते हुए सरकार ने खुद शराब बेचने का फैसला किया है. मौजूदा व्यवस्था के तहत सरकार शराब की दुकानों की नीलामी करती है. इसके लिए लाइसेंस लेने वाले लोगों से दो महीने का एडवांस और एक महीने की सिक्यूरिटी मनी ली जाती है.
वैसे कैबिनेट के निर्णय के बाद मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र जारी कर यह कहा है कि एक हफ्ते के भीतर शराब बेचने के लिए यथोचित स्थलों का चयन कर लें. इस काम में एक्साइज डिपार्टमेंट के अलावा इलाके के सर्किल इंस्पेक्टर और थाना प्रभारियों की मदद लेने को भी कहा गया है.
विपक्ष ने सरकार के खिलाफ बोला हल्ला
वैसे मुख्यमंत्री रघुवर दास का यह कदम आने वाले दिनों में व्यापक विरोध की वजह बन सकता है. राज्य में शराबबंदी के समर्थन में जुटीं महिला संगठन सरकार के इस फैसले के व्यापक विरोध के लिए कमर कस रही हैं. वहीं विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है.