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'वन रैंक वन पेंशन' की मांग पर पूर्व सैनिकों की नाराजगी झेल रही केंद्र सरकार अभी इस मुद्दे को सुलझाने में माथापच्ची कर रही है, वहीं अब अर्द्धसेना बलों ने भी इसकी मांग शुरू कर दी है. पारामिलिट्री फोर्स का कहना है कि उन्हें भी 'वन रैंक वन पेंशन' का लाभ दिया जाए.
गृह मंत्रालय के माध्यम से सातवें वेतन आयोग से मिले अर्द्धसैन्य बलों (बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसफ और असम राइफल्स) ने 'वन रैंक वन पेंशन ' की मांग की है. अर्द्धसैन्य बलों का कहना है कि वह ही सीमा पर पहली रक्षा पंक्ति में होते हैं और सेना से ज्यादा विषम परिस्थितियों में काम करते हैं. ऐसे में उन्हें भी 'वन रैंक वन पेंशन' का लाभ मिलना चाहिए.
...और भी है मांगें
'वन रैंक वन पेंशन' के अलावा अर्द्धसैन्य बलों ने सेना की तर्ज पर विशेष वेतन और भत्तों की मांग की है. उन्होंने सेना की तरह ही छुट्टियां, पीस पोस्टिंग और आवासीय योजनाओं के लाभ देने की मांग की है. सेना के साथ अपनी तुलना के अलावा अर्द्धसैन्य बलों ने विधुर जवानों के लिए चाइल्ड केयर लीव और पदों की कमी के कारण पदोन्नति रोकने की व्यवस्था में भी परिर्वतन की मांग की है.