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NRC: 40 लाख लोगों को अन्य राज्यों में जाने से रोकने के लिए लिया जाएगा बायोमेट्रिक रिकॉर्ड

पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों ने आशंका जताई है कि वैसे लोग जिनके नाम एनआरसी के दूसरे और अंतिम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, वे अन्य राज्यों में पलायन कर सकते हैं. इसलिए इन्हें रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.

एनआरसी के आखिरी ड्राफ्ट में 40,07,707 लोगों की नागरिकता संदिग्ध पाई गई है. एनआरसी के आखिरी ड्राफ्ट में 40,07,707 लोगों की नागरिकता संदिग्ध पाई गई है.
आदित्य बिड़वई
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के आखिरी ड्राफ्ट में जिन 40,07,707 लोगों की नागरिकता संदिग्ध पाई गई है अब उनका बायोमेट्रिक्स लिया जाएगा.

इस बारे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह उन 40 लाख लोगों के बायोमेट्रिक्स का ब्योरा लेने पर विचार कर रहा है जिनके नाम असम में एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, ताकि गलत पहचान के आधार पर अन्य राज्यों में उनके प्रवेश को रोका जा सके.

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केंद्र की ओर से उपस्थित अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ से कहा कि पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों ने आशंका जताई है कि वैसे लोग जिनके नाम एनआरसी के दूसरे और अंतिम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, वे अन्य राज्यों में पलायन कर सकते हैं.

वेणुगोपाल ने कहा, "उन राज्यों की आशंकाओं को दूर करने के लिये सरकार 40 लाख से अधिक लोगों का बायोमेट्रिक डाटा एकत्र करने पर विचार कर रही है, ताकि अगर उन्हें विदेशी घोषित किया जाता है और वे गलत पहचान के आधार पर दूसरे राज्यों में चले जाते हैं तो संबंधित अधिकारी उनका पता लगा सकें."

इस पर पीठ ने कहा कि सरकार जो भी करना चाहती है वो कर सकती है और न्यायालय इसकी जांच करेगा. पीठ ने कहा, "आप जो भी चाहें करें. फिलहाल हम टिप्पणी करना नहीं चाहेंगे. आप इसे करें और तब हम इसकी जांच करेंगे. हमारी चुप्पी सहमति या आश्वासन का प्रतीक नहीं है."  

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शीर्ष अदालत ने कहा कि जिन 40 लाख से अधिक लोगों के नाम एनआरसी के अंतिम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि यह सिर्फ ड्राफ्ट है.

पीठ ने केंद्र को दावों और ड्राफ्ट एनआरसी के प्रकाशन से उपजी आपत्तियों पर फैसला करने के लिये समय-सीमा तय करने समेत इसका स्वरूप और मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) तैयार करने को कहा. पीठ ने केंद्र से इसके तौर-तरीके और एसओपी 16 अगस्त तक मंजूरी के लिये उसे सौंपने को कहा है.

ट्रांसजेंडरों को एनआरसी फॉर्म भरने का मौका ....

सुनवाई के अंत में ट्रांसजेंडरों के एक संगठन ने पीठ से अनुरोध किया कि वह 20 हजार ट्रांसजेंडरों को एनआरसी फॉर्म भरने का दूसरा मौका दे. पीठ ने कहा, "आपने मौका गंवा दिया. हम समूची कवायद को अब दोबारा शुरू नहीं कर सकते."  

न्यायालय ने हालांकि कहा कि वह मुख्य मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 16 अगस्त को सभी इंटरलोक्यूटरी ऐप्लिकेशन पर सुनवाई करेगा.

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