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TMC बोली- हमारे सांसदों को पीटा, असम सरकार के खिलाफ लोकसभा में लाएंगे प्रस्ताव

असम में एनआरसी ड्राफ्ट के बाद पैदा हुए हालातों की जमीनी हकीकत को समझने पहुंचे टीएमसी नेताओं को राज्य पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दी है. टीएमसी-बीजेपी आमने सामने हैं.

सिलचर एयरपोर्ट पर रोके गए TMC सांसद (फोटो-ANI) सिलचर एयरपोर्ट पर रोके गए TMC सांसद (फोटो-ANI)
इंद्रजीत कुंडू
  • सिलचर (असम),
  • 02 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 6:01 PM IST

असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के ड्राफ्ट को लेकर पनपे हालातों का जायजा लेने के लिए असम पहुंचे टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने सिलचर एयरपोर्ट से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी है. प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस पर धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार टीएमसी के 6 सांसदों और 2 विधायकों को हिरासत में लिया गया है.

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तृणमूल कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा है कि पार्टी प्रतिनिधिमंडल को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया. पार्टी ने कहा कि उनके प्रतिनिधि कानून तोड़ने नहीं जा रहे थे. उन्हें पीटा गया. वरिष्ठ सांसदों के साथ धक्कामुक्की की गई. बदसलूकी की गई. महिला सांसदों के साथ बदसलूकी की गई. क्या यह लोकतंत्र है? यह महा-आपातकाल है. इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया गया था. राज्य सभा की कार्यवाही स्थगित रही.

टीएमसी नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी राजनीतिक रूप से तनाव में है, इसी वजह से अपनी मसल पावर दिखा रहे हैं.

वहीं टीएमसी के सांसद प्रोफसर सौगत रॉय ने इस मसले को लोकसभा में भी उठाया. उन्होंने असम सरकार के खिलाफ सदन में शुक्रवार को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की बात कही है.

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बता दें कि एनआरसी के बाद असम में हालात का जायजा लेने पहुंचे टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में 6 सांसद और दो विधायक शामिल हैं. असम में एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट आने के बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है. ममता बनर्जी एनआरसी के अपडेट पर लगातार सवाल खड़ा कर रही हैं. इस लिस्ट में असम के 40 लाख लोगों का नाम नहीं है.

ऐसे में ममता बनर्जी ने पार्टी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को असम भेजा था, जिसे पुलिस ने एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया. टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने असम पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके साथ एयरपोर्ट पर धक्का-मुक्की की गई.

बता दें कि 30 जुलाई को असम में एनआरसी का दूसरा ड्राफ्ट जारी किया गया. इसके तहत 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक माना गया. जबकि करीब 40 लाख लोग अवैध पाए गए हैं.

ममता बनर्जी ने कहा था, 'हम ऐसा नहीं होने देंगे. बीजेपी लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जाएगी, खूनखराबा होगा.'

ममता ने कहा- एनआरसी के बहाने बीजेपी असम में वोट बैंक की राजनीति खेल रही है. एनआरसी में जिनके नाम नहीं आए हैं उनमें सभी बांग्लादेशी नहीं है. इसमें बंगाली और बिहारी हैं. 40 लाख से ज्यादा लोगों ने असम में रूलिंग पार्टी के लिए वोट किया था और आज अचानक अपने ही देश में उन्हें शरणार्थी बना दिया गया है. मैं अपनी मातृभूमि को ऐसी हालत में नहीं देखना चाहती, मैं मातृभूमि को बंटते हुए नहीं देखना चाहती.'

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एनआरसी मसले पर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में जुटी टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता की पार्टी में ही बगावत हो गई है. असम में टीएमसी के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है.

टीएमसी छोड़ने वाले नेता दिगंत सैकिया और प्रदीप पचोनी ने कहा कि ममता बनर्जी को एनआरसी की वास्तविक सच्चाई पता नहीं है. बिना किसी जानकारी के उन्होंने एनआरसी की निंदा की है. दिगंत सैकिया ने कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं उसमें और असम की जमीनी सच्चाई में काफी अंतर है.

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