
इससे पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी पूरे देश में लागू किया जाएगा. असम में यह पहले ही लागू किया जा चुका हैं. केन्द्र सरकार पूरे देश में इसे लागू करने के लिए बिल लाने पर विचार कर रही है. बिहार को लेकर लगातार इस पर सवाल होते रहे हैं और जेडीयू बिहार में एनआरसी लागू करने के पक्ष में नहीं रही है.
विधानसभा में उठा मुद्दा
जेडीयू प्रवक्ताओं का लगातार इस पर बयान भी आता रहा है, लेकिन बदले हालात के बाद नीतीश कुमार का कहना है कि एनआरसी पर जेडीयू का स्टैंड अभी तक स्पष्ट नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी इस पर अपना स्टैंड कुछ सुझावों के साथ बदल सकती है. मंगलवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष ने एनआरसी के मुद्दे पर हंगामा किया था और सदन चलने नहीं दिया था.
विपक्ष के नेता लगातार नीतीश कुमार से अपना स्टैंड साफ करने की मांग करते आ रहे हैं. जेडीयू की ओर से लगातार एनआरसी का विरोध करने के बावजूद विपक्ष इस पर नीतीश कुमार का रुख जानना चाहता था. बुधवार को पत्रकारों ने जब एनआरसी पर नीतीश कुमार से पूछा, तो उन्होंने यही कहा कि अभी इस पर पार्टी के अंदर विचार विमर्श किया जा रहा है. इस मामले पर सबसे बात करने के बाद पार्टी अपना स्टैंड रखेगी.
बिहार में बांग्लादेशी घुसपैठ एक समस्या रही है. बीजेपी जैसी पार्टियां लगातार इस मुद्दे को उठाती रही हैं. केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी बिहार में एनआरसी लागू करने की वकालत करते आ रहे हैं. इसे लेकर बीजेपी और जेडीयू में लगातार मतभेद देखने को मिले हैं, लेकिन नीतीश कुमार के बयान के बाद से ऐसा लगता है कि ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 हटाने जैसे मामले की तरह ही एनआरसी के मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू के मतभेद खत्म हो सकते हैं.