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राज्यसभा में CAB आने से पहले बाराबंकी में NRC का सर्वे शुरू

नगर पालिका की रेवेन्यू ऑफिसर पल्लवी अस्थाना टीम के साथ इस सर्वे में आंकड़े जुटा रही है कि यह लोग कहां के निवासी हैं, कितने सालों से यहां रह रहे हैं और काम क्या करते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • बाराबंकी,
  • 11 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:47 PM IST

  • बाराबंकी में 3 से 4 हजार लोगों पर बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने का शक
  • लोग खुद को बता रहे असम के निवासी, नहीं दे पा रहे कोई स्थाई पता

यूपी के बाराबंकी में नगर पालिका ने एनआरसी को लेकर सर्वे शुरू कर दिया है. लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल चर्चा के बाद बहुमत से पास हो गया. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि जब एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो देश में एक भी अवैध घुसपैठिया नहीं रह जाएगा. अमित शाह भले ही एनआरसी को लेकर अभी सिर्फ बात ही कर रहे हों लेकिन बाराबंकी नगर पालिका ने अभी से ऐसे लोगों को चिन्हित करना शुरू भी कर दिया है जो शहर में झुग्गी झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं. इन लोगों को लेकर शक है कि वह बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं.

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सर्वे में आंकड़े जुटा रही नगर पालिका

बताया जा रहा है कि नगर पालिका की रेवेन्यू ऑफिसर पल्लवी अस्थाना टीम के साथ इस सर्वे में आंकड़े जुटा रही है कि यह लोग कहां के निवासी हैं, कितने सालों से यहां रह रहे हैं और काम क्या करते हैं. इस तरह के तमाम बिंदुओं पर एक रिपोर्ट तैयार करके नगर पालिका की टीम प्रशासन को भेजेगी जिसके बाद उसपर शासन स्तर से आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.

नगर पालिका बाराबंकी की रेवेन्यू इंस्पेक्टर पल्लवी अस्थाना ने बताया, 'जो लोग झुग्गी झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे हैं. हम लोग सर्वे करके उनके आंकड़े जुटा रहे हैं. यह सर्वे नगर पालिका की तरफ से चल रहा है. इन सबकी हम एक सर्वे रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को देंगे.'

चिन्हीकरण का काम हुआ शुरू

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एनआरसी पर बीजेपी नेता और नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव का कहना है कि हमने लगभग एक हफ्ते पहले ही सूची बनाने का काम शुरू कराया है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वह लोग खुद को असम का बता रहे हैं, लेकिन वे लोग असम का का कोई स्थाई पता नहीं बता पा रहे है. ऐसे में संदेह पैदा होता है कि यह बांग्लादेशी और रोहिंग्या भी हो सकते हैं.

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