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असली हीरो हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का नाम सिर्फ देश के लोगों की जुबान पर ही नहीं रहता बल्कि उनके साथ काम करने वाले अफसरों के लिए भी मुस्कान का सबब रहता है. देश की खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ रहे एएस दुल्लत का भी कहना है कि डोभाल कारीगर रहे हैं, बेहतरीन कारीगर. क्योंकि हेड क्वार्टर में बैठकर काम करने के बजाय डोभाल फील्ड के कलाकार रहे.

डोभाल डोभाल
सबा नाज़/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 7:40 AM IST

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का नाम सिर्फ देश के लोगों की जुबान पर ही नहीं रहता बल्कि उनके साथ काम करने वाले अफसरों के लिए भी मुस्कान का सबब रहता है. देश की खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ रहे एएस दुल्लत का भी कहना है कि डोभाल कारीगर रहे हैं, बेहतरीन कारीगर. क्योंकि हेड क्वार्टर में बैठकर काम करने के बजाय डोभाल फील्ड के कलाकार रहे.

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देश के पूर्वोत्तर राज्यों की बात हो, पंजाब या फिर देश की सरहदों के पार, डोभाल हर जगह पारंगत रहे. कई बार डोभाल सरहद पार भी अपने ऑपरेशन को अंजाम दे आए. जहां भी गये कामयाबी और फतह के झंडे गाड़ कर आये. डोभाल की बहादुरी के तो कई किस्से हैं. जैसे आपरेशन ब्लू स्टार के पहले और बाद में अमृतसर में डोभाल कई किरदारों में नजर आये. पाकिस्तान में कई साल डोभाल अपने रोल निभाते रहे. किसी को कानों कान भनक तक नहीं पड़ी. जब वहां अपना ऑपरेशन खत्म करके आ गये और खुलासा हुआ तब जाकर पाक सरकार के होश उड़े.

यानी एक जबरदस्त रणनीतिकार, दक्ष प्रशासक डोभाल ने हरेक किरदार में अपना लोहा मनवाया और आज भी उनके जैसा कोई नहीं. प्रधानमंत्री और सरकार के साथ उनकी जबरदस्त कैमिस्ट्री है. आज भी देश उन पर भरोसा करता है और दुश्मन उनके नाम से ही कांपता है.

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