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नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह साझा यूनिवर्सिटी विधेयक और च्वॉईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को स्टूडेंट्स पर थोप रही है.
एनएसयूआई ने यह भी कहा कि जब तक इन दोनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक वह विरोध करेगी. एनएसयूआई के अध्यक्ष रोजी जॉन ने कहा कि सीबीसीएस और विधेयक ने यूनिवर्सिटी के प्रशासकों, शिक्षकों और स्टूडेंट्स को भ्रम में डाल दिया है.
उन्होंने कहा, 'ये मुद्दे 12 सितम्बर को दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनावों में एनएसयूआई का एजेंडा भी बनेंगे उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली और अन्य यूनिवर्सिटीज में सीबीसीएस को जबरन लागू कर रही है. जब वह इतना बड़ा बदलाव ला रही है तो उसे शिक्षा के क्षेत्र में हर किसी से प्रणाली को लागू करने के तरीके और आधारभूत ढांचे पर चर्चा करनी चाहिए थी. लेकिन इसने ऐसा नहीं किया.' एनएसयूआई के अध्यक्ष ने कहा कि स्टूडेंट्स कोर्स को चुनने को लेकर भ्रमित हैं.
जॉन ने सरकार की तरफ से साझा यूनिवर्सिटी विधेयक थोपने पर भी चिंता जताई और कहा कि इस तरह की नीति से निजी यूनिवर्सिटीज की तरफ स्टूडेंट्स का रूझान बढ़ेगा.
उन्होंने कहा, ‘दुनिया के किसी भी दो यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम एक जैसे नहीं हैं. डीयू के छात्रों ने पहले बदलावों का सफलतापूर्वक विरोध किया था जो उनके हित में नहीं हैं. अगर स्टूडेंट्स एफवाईयूपी को वापस लेने पर मजबूर कर सकते हैं तो सीबीसीएस का भी यही हाल होगा.’
इनपुट: भाषा