
राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर तमाम मानकों को पार कर चुका है. हवा में जहर घुलने से सांस लेने में दिल्ली के लोगों को तकलीफ महसूस हो रही है. दिल्ली सरकार ने स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार कौन से कड़े कदम उठाएगी.
केजरीवाल सरकार के सूत्रों ने आज तक को बताया है कि सरकार दिल्ली में एक बार फिर से ऑड इवन लागू करने की तैयारियां कर रही है. प्रदूषण की समस्या अपने गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है, लिहाजा दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार शाम ट्रांसपोर्ट विभाग डीपीसी और दिल्ली के सभी डिविजनल कमिश्नर की बैठक बुलाई.
EPCA गुरुवार को लेगा फैसला
एनवायरनमेंट पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी ने प्रदूषण से राहत देने के लिए फिर से ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने पर गंभीर विचार किया है. ईपीसीए गुरुवार को इस संबंध में बड़ा फैसला ले सकता है.
वहीं सरकार के सूत्रों के मुताबिक परिवहन मंत्री की बैठक में दिल्ली में दोबारा ऑड इवन लागू करने को लेकर तैयारियों पर चर्चा की गई है. इस बैठक में परिवहन मंत्री ऑड इवन लागू करने के लिए तैयारियों का जायजा लिया. इसके पहले साल 2015 और साल 2016 में दिल्ली सरकार ने ऑड इवन लागू किया था. ऑड इवन के बाद सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में बेहद कमी आई थी, जिससे राजधानी में ट्रैफिक जाम की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ था.
सरकार का दावा है की ऑड इवन लागू करने के बाद राजधानी की हवा बेहतर हुई थी. कई संस्थाएं लगातार केजरीवाल सरकार से ऑड इवन लागू करने के लिए दबाव बना रही हैं. ऐसे में जबकि प्रदूषण की स्थिति और स्वास्थ्य, इमरजेंसी के स्तर पर पहुंच चुकी है, अब केजरीवाल सरकार दोबारा इसे लागू करने की तैयारियों में जुट गई है. आज की बैठक में ऑड इवन का एक खाका तैयार हुआ है और यह माना जा रहा है कि इसी महीने में ऑड इवन कभी भी लागू किया जा सकता है.
सरकार के सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस बार ऑड इवन पिछली बार की तरह लंबी अवधि के लिए लागू नहीं होगा, बल्कि हवा की स्थिति और प्रदूषण के स्तर को देखते हुए बेहद कम अवधि के लिए और जब जब जरूरत होगी तब लागू किया जाएगा. इस बीच पराली जलाने से हुए प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इससे निपटने के लिए चर्चा करने को लेकर मिलने का समय ही मांगा है. वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी कहा है कि अगर केजरीवाल सरकार को लगता है कि हेलीकॉप्टर द्वारा एरियल स्प्रिंगलिंग करके प्रदूषण कम किया जा सकता है तो वह कोशिश जरूर करें.