
आज भी हमारे समाज में ट्रांसजेंडर को लेकर गलत छवि लोगों के मन में पनपती है. ऐसे में मेघना उन लोगों लिए उदाहरण है. मेघना साहू ओला कैब्स की पहली ट्रांसजेंडर ड्राइवर बन गई हैं.
कौन हैं मेघना
मेघना ओडिशा के भुवनेश्वर की रहने वाली हैं. उनकी उम्र 28 साल हैं. उन्होंने एचआर एंड मार्केटिंग से एमबीए किया है. एक ट्रांसजेंडर होने की वजह से उन्हें शुरू से ही भेदभाव का सामना करना पड़ा. जिस वजह से उन्हें नौकरी और शिक्षा प्राप्त करने में भी परेशानी आई.
मिसाल: ओला कैब ड्राइवर बना भारतीय सेना में अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओला कैब में ड्राइवर के पद पर वह करीब प्रतिदिन 8 घंटे काम कर के 30 हजार रूपये आसानी से कमा लेती हैं. बता दें, ओला में नौकरी मिलने से पहले वह एक फार्मा कंपनी में काम करती थीं. जहां उन्हें भेदभाव का शिकार होना पड़ा था.
मेघना जानती हैं कि एक ट्रांसजेंडर को हमेशा भेदभाव का शिकार होना पड़ता है. जिसके बाद उन्होंने ठान लिया कि सारी जिंदगी ऐसे जीना नहीं चाहती. आपको बता दें, मेघना सिर्फ ट्रांसजेंडर्स के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. वह चाहती हैं कि लोगों में मन बनी ट्रांसजेंडर्स की गलत छवि दूर हो जाए. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन मेघना ने पिछले साल एक पुरुष के साथ विवाह कर के लोगों के मन में बसी रुढ़िवादी विचारधारा पर सोचने को मजबूर कर दिया था.बता दें, उनके पास एक छह साल का बेटा भी है.
मिसाल: ये हैं देश की पहली महिला फायरफाइटर
महिलाएं सेफ फील करती हैंएक ट्रांसजेंडर होने की वजह से कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस मिलना काफी चुनौतीपूर्ण थी. वहीं ओडिशा में स्थानीय आरटीओ और परिवहन विभाग ने मेघाना के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वहीं कैब ड्राइवर के पद पर काम का अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि मेरे साथ सभी काफी अच्छे से पेश आ रहे हैं. वहीं कैब में महिला यात्री मेरी कैब सेफ फील करती हैं.