
कानपुर के बिधनू थाना इलाके के दुर्जनपुर गांव में रहने वाले एक 62 वर्षीय रमा शंकर का शव मंगलवार को घर के बाहर पेड़ से लटका मिला. जिसे देखने के बाद परिजनों और ग्रामीणों में हड़कंप मच गया. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से नीचे उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.
मृतक के परिजनों का आरोप है कि बिधनू पुलिस पूछताछ के नाम पर परेशान कर रही थी. जिससे परेशान होकर बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली. बता दें कि मृतक रमा शंकर के बेटे कुलदीप पर अपनी ही पत्नी की हत्या का आरोप है. जिसकी पुलिस ने काफी तलाश की लेकिन कुलदीप को नहीं पकड़ सकी तो परिवार पर दबिश बनानी शुरू की.
पुलिस हिरासत में रहे 3 दिन
मृतक के बेटे का आरोप है कि पुलिस ने उनके पिता यानी रमा शंकर को हिरासत में लिया था और तीन दिन तक थाने में रखा. जहां तमाम यातनाएं भी दी गईं और पुलिस ने जब उन्हें छोड़ा तो दो दिन से वह गुमसुम थे. पुलिस के उत्पीड़न से परेशान होकर उन्होंने फांसी लगाकर जान दे दी. गौरतलब है कि रमा शंकर ने कई साल पहले ही बेटे कुलदीप को बेदखल कर दिया था और वह घर से दूर अलग अपनी पत्नी के साथ रहता था.
पुलिस पर मारपीट का आरोप
कुलदीप के भाई जगदीप का आरोप है कि पुलिस ने मुझे भी एक सप्ताह तक हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया. रमा शंकर की मौत के बाद उसे थाने से छोड़ा गया. वहीं पोस्टमॉर्टम हाउस में जगदीप ने पुलिस पर सितम का आरोप लगाया और अपने शरीर पर चोट के निशान दिखाते हुए पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया.
पुलिस ने आरोपों को मानने से किया इनकार
हालांकि वृद्ध के सुसाइड मामले में पुलिस प्रताड़ना के आरोपों को मानने से इनकार कर रही है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस के अधिकारी मामले को दबाने के प्रयास में पुलिस उत्पीड़न की बात को गलत बता रही है. जबकि पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग ने बेटे की करतूत से परेशान होकर आत्महत्या का कदम उठाया.