Advertisement

दत्तू भोकानल: मुश्किलों को दी मात, अब रियो में दिखाएंगे दम

दत्तू महाराष्ट्र के छोटे से गांव तालेगांव से ताल्लुक रखते हैं जो सूखे के लिए जाना जाता है. बचपन से ही पानी की किल्लत झेल रहे दत्तू को इस बात का भली भांति ज्ञान था कि पानी का मोल क्या होता है, और उन्होंने ऐसे ही खेल में अपनी जगह बनाई जिसे पानी के बिना नहीं खेला जा सकता. बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था. उनकी मां ने उन्हें बड़ी मुश्किल से पाला और बड़ा किया.

दत्तू भोकानल दत्तू भोकानल
अमित रायकवार
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

दत्तू भोकानल को देश में बेहद कम लोग जानते हैं. वो रियो ओलंपिक में रोइंग में भारत का प्रतिनिध्तव करेंगे. दत्तू भोकानल का ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं रहा, उनकी छोटी सी कहानी में बड़ा दर्द छिपा है. दत्तू महाराष्ट्र के छोटे से गांव तालेगांव से ताल्लुक रखते हैं जो सूखे के लिए जाना जाता है. बचपन से ही पानी की किल्लत झेल रहे दत्तू को इस बात का भली भांती ज्ञान था कि पानी का मोल क्या होता है, और उन्होंने ऐसे ही खेल में अपनी जगह बनाई जिसे पानी के बिना नहीं खेला जा सकता. बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था. उनकी मां ने उन्हें बड़ी मुश्किल से पाला और बड़ा किया.

Advertisement

पानी से लगता था डर
रोइंग खेल चुनने से पहले भोकानल को तैराकी नहीं आती थी, और उन्हें पानी से बेहद डर लगता था. एक समय तो उन्होंने रोइंग को छोड़ने का ही मन बना लिया था. मजबूत हौसले वाले भोकानल ने हार नहीं मानी और तैराकी सीखी और रोइंग जैसे खेल में अपनी मौजूदगी का अहसास हर किसी को कराया.

पानी को चीरता जांबाज

दत्तू की मुसीबतों का दौर यहीं नहीं थमा. मई 2016 में जब उन्हें साउथ कोरिया में ओलंपिक क्वालिफिकेशन स्पर्धा में हिस्सा लेना था. उसी दौरान उनकी मां आशा बेहद बीमार हो गई. उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया. मगर दत्तू ने स्पर्धा में शिरकत करने का फैसला किया. यहां उन्होंने दो किलोमीटर रेस में सात मिनट 7.63 सेकेंड में पूरी की और रजत पदक जीता, इसके साथ ही उन्हें रियो का टिकट हासिल हुआ.

Advertisement

महाराष्ट्र के छोटे से गांव तालेगांव से निकलकर ओलंपिक में जगह बनाना उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है. दत्तू रियो ओलंपिक में भारत की ओर से रोइंग में प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं. गांव लौटकर वह खुद किसानी करते हैं और जब कोई पत्रकार उनको फोन करता है तो बड़ी हैरानी से पूछते हैं- आप पत्रकार हैं और आप मुझसे बात करना चाहते हैं? उम्मीद है दत्तू भारत के लिए कामयाबी की नई इबारत लिखेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement