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राजभर के बगावती तेवर जारी, बीजेपी से गठबंधन पर विचार के लिए बुलाई पार्टी बैठक

ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर ने बताया कि पार्टी की एक आपात बैठक आगामी 27 मार्च को लखनऊ में होगी. बैठक में बीजेपी के साथ रिश्तों पर भी विचार होगा.

यूपी कैबिनेट में मंत्री हैं ओम प्रकाश राजभर यूपी कैबिनेट में मंत्री हैं ओम प्रकाश राजभर
जावेद अख़्तर
  • बलिया,
  • 25 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:55 PM IST

राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले बगावती तेवर दिखाने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एक बार फिर बीजेपी से गठबंधन को लेकर संशय की स्थिति में नजर आ रही है. 23 मार्च को हुए राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने खुद सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की नाराजगी दूर करने के लिए उनके साथ बैठक की थी. बावजूद इसके राजभर बीजेपी के साथ चलने के लिए तैयार दिखाई नहीं दे रहे हैं.

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इस संबंध में सुहेलदेव पार्टी ने 27 मार्च को बैठक बुलाई है. जिसमें बीजेपी से गठबंधन जारी रखने पर पुनर्विचार किया जाएगा. SBSP अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर के पुत्र और पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव अरविंद राजभर ने आज बलिया में संवाददाताओं को बताया कि पार्टी की एक आपात बैठक आगामी 27 मार्च को लखनऊ में होगी. बैठक में भाजपा के साथ रिश्तों पर भी विचार होगा.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरशाही बेलगाम हो गई है. स्थिति इस कदर भयावह हो गई है कि आजमगढ़ जिले का एक थानाध्यक्ष नियमानुसार कार्रवाई करने की सिफारिश पर मंत्री ओम प्रकाश राजभर के लिए बोलता है कि वह स्वयं आकर मामला सुलझाएं.

राजभर ने बताया कि बैठक में बेलगाम नौकरशाही से निबटने के साथ ही संगठनात्मक विस्तार और अगले महीने देवरिया में होने वाले सम्मेलन पर भी विचार होगा. उन्होंने दावा किया है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान दल के किसी विधायक ने बीजेपी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग नहीं की है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट तथा विरोधी दल के नेताओं के बयान को देखते हुए दल के दो विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है.

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एक सवाल के जवाब में ओम प्रकाश राजभर के बेटे ने ये भी कहा, 'ऐसी संभावना है कि बीएसपी और एसपी सुहेलदेव पार्टी को अपने गठबंधन में शामिल करने और बीजेपी से अलग करने के लिए क्रॉस वोटिंग के बयान दे रहे हों.'

बता दें कि ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं और पार्टी बीजेपी के साथ यूपी की सरकार में शामिल है. ओपी राजभर को मंत्री भी बनाया गया है. बावजूद इसके वो खुलेआम बीजेपी सरकार पर ज्यादा सीटें मिलने के नशे में गठबंधन धर्म न निभाने के आरोप लगाते रहे हैं. साथ ही सहयोगी दल के रूप में अपनी पार्टी की अनदेखी के आरोप भी लगाते रहे हैं. राज्यसभा चुनाव से पहले उन्होंने साफ लफ्जों में कह दिया था कि वो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर ही इस मसले पर कोई बात करेंगे. उन्होंने योगी आदित्यनाथ और यूपी के दूसरे नेताओं से इस संबंध में कोई भी बात करने से इनकार कर दिया था.

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