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नोटबंदी के बाद बड़ी रकम की जमा, इन 1 लाख लोगों को IT भेजेगा नोटिस

नोटबंदी को एक साल पूरा हो चुका है. इस मौके पर उन लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है, जिन्होंने पिछले साल नोटबंदी के दौरान बड़ी रकम बैंकों में जमा की थी. आयकर विभाग ऐसे 1 लाख से भी ज्यादा लोगों और कंपनियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने पिछले साल नवंबर में बड़ी रकम बैंक में जमा तो की, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है.

आयकर विभाग आयकर विभाग
विकास जोशी
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  • 08 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

नोटबंदी को एक साल पूरा हो चुका है. एक साल बाद उन लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है, जिन्होंने पिछले साल नोटबंदी के दौरान बड़ी रकम बैंकों में जमा की थी. आयकर विभाग ऐसे 1 लाख से भी ज्यादा लोगों और कंपनियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है, जिन्होंने पिछले साल नवंबर में बड़ी रकम बैंक में जमा तो की, लेकिन यह उनके इससे पहले के इनकम टैक्स रिटर्न से मेल नहीं खाता.

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पहले इन्हें आएगा नोटिस

आयकर विभाग पहले चरण में उन लोगों को नोटिस भेजेगा, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बैंकों में 50 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा की थी. इसके अलावा इसमें वे लोग भी शामिल रहेंगे, जिनके लेनदेन को लेकर आईटी विभाग ने आशंका जताई थी और इन्होंने इसको लेकर विभाग को किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया.

आईटीआर से नहीं मेल खाते ये डिपोजिट

आईटी विभाग ने कहा कि हम उन 1 लाख लोगों को नोटिस भेज रहे हैं, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान काफी बड़ी रकम बैंकों में जमा की थी, लेकिन उनकी यह रकम उनके पिछले इनकम टैक्स रिटर्न से मैच नहीं करती है. आयकर विभाग ने आशंका जताई है कि इसको लेकर कई गड़बडि़यां हैं.

कसेगा शिकंजा

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस हफ्ते के आखिरी तक ऐसी 70 हजार कंपनियों और व्यक्तियों को नोटिस भेजना शुरू हो जाएगा. इसके बाद आईटी विभाग उन 30 हजार कंपनियों और लोगों को रडार पर लेगा, जिन्होंने बड़ी रकम नोटबंदी के दौरान जमा की थी और यह उनके पिछले आईटीआर से मैच नहीं करता है.

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ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत भेजे जा रहे नोटिस

आयकर विभाग की तरफ से भेजे जा रहे ये नोटिस 'ऑपरेशन क्लीन मनी' का हिस्सा है. इस अभियान की शुरुआत इसी साल जनवरी में हुई थी.  इन  लोगों को नोटिस भेजने के लिए बाद आयकर विभाग उनको रडार पर लेगा, जिन्होंने 25 लाख से 50 लाख रुपये तक नोटबंदी के दौरान बैंक में जमा किए थे, लेकिन यह उनके पिछले आईटीआर से मैच नहीं करता.  आईटी विभाग की तरफ से आईटी एक्ट के सेक्शन 142 के तहत भेजे जा रहे हैं.  

18 लाख से भी ज्यादा संदिग्ध लेनदेन का पता लगा

बता दें कि आयकर विभाग ने 18 लाख से भी ज्यादा संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है. इन लेनदेन में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम शामिल है. यह रकम 23.22 लाख खातों से नोटबंदी के बाद निकाली गई थी.  

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