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37 अरब की ऑनलाइन ठगीः मित्तल के खिलाफ 10 FIR दर्ज, पिता का खाता भी फ्रीज

37 अरब की ऑनलाइन ठगी करने वाले शातिर अनुभव मित्तल और उसकी कंपनी के खिलाफ अभी तक दस मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. ये मुकदमे कई राज्यों के अलग-अलग थानों में दर्ज कराए गए हैं. साथ ही एसटीएफ ने अनुभव के पिता का बैंक खाता भी फ्रीज कर दिया है.

STF ने मित्तल के पिता का बैंक खाता भी फ्रीज करा दिया है STF ने मित्तल के पिता का बैंक खाता भी फ्रीज करा दिया है
परवेज़ सागर/शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • नोएडा,
  • 17 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

37 अरब की ऑनलाइन ठगी करने वाले शातिर अनुभव मित्तल और उसकी कंपनी के खिलाफ अभी तक दस मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. ये मुकदमे कई राज्यों के अलग-अलग थानों में दर्ज कराए गए हैं. साथ ही एसटीएफ ने अनुभव के पिता का बैंक खाता भी फ्रीज कर दिया है.

यूपीएसटीफ के मुताबिक सोशल ट्रेड के नाम पर सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी करने वाले अनुभव मित्तल के खिलाफ कुल 10 एफ़आईआर दर्ज हुई हैं. उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग़ाज़ियाबाद और बुलन्दशहर में, तेलंगाना के सायबराबाद और हैदराबाद में और कर्नाटक के शिमोगा में मित्तल के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं.

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गुरुवार को फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी ने अनुभव मित्तल के खिलाफ उनकी एसोसिएशन का फर्ज़ी सर्टिफ़िकेट इस्तेमाल करने के आरोप में कविनगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था.

इससे पहले कोर्ट रूम में अवैध तरीक़े से वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करने के मामले में कोर्ट मोहर्रिर की तहरीर पर सूरजपुर थाने में मित्तल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

शातिर ऑनलाइन ठग अनुभव मित्तल के आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट में 10 करोड़ रुपये और मिले हैं. इस खाते को भी एसटीएफ ने फ्रीज करा दिया है. इसके अलावा जांच में अब तक मित्तल की 12 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति का पता लगा जा चुका है.

जांच में ये भी पता चला है कि इस घोटले के ख़ुलासे से ठीक पहले अनुभव मित्तल ने अब्लेज़ कंपनी के अकाउंट से अपने पिता सुनील मित्तल के खाते में 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. सुनील मित्तल का खाता इंडियन बैंक में है. इस बात का खुलासा होने के बाद सुनील मित्तल के खाते को भी फ्रीज कर दियया गया है.

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इस प्रकार अब तक इस मामले में कुल 630 करोड़ से भी अधिक की धनराशि फ्रीज की जा चुकी है. इसके अलावा सोशल ट्रेड बिज़ की साइट पर आईएसओ 9001-2008 का एक सर्टिफ़िकेट अब्लेज़ कंपनी के नाम से दिख रहा था. जो जांच के बाद फर्ज़ी पाया गया.

दरअसल, ये सर्टिफ़िकेट ELITE कंपनी ने जारी किया था. जो ऑस्ट्रेलियन कंपनी JAS-ANZ से एफ़िलीएटेड है. जांच के दौरान पता चला कि सर्टिफ़िकेट कम्प्लाइयन्स पूरा ना करने की वजह से 16 अक्टूबर 2015 को एलिट कंपनी ने उसे रद्द कर दिया था. जबकि अब्लेज़ कंपनी इसे अवैध तरीके से अपनी साइट पर दिखा रही थी.

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