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दिल्ली में कूड़ा फैलाने और खुले में शौच जाने वालों की खैर नहीं, लगेगा जुर्माना

देश की राजधानी की सड़कों पर कूड़ा फैलाने से लेकर खुले में शौच करने पर अब जुर्माना देना होगा. ये नियम केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग) रूल्स-2016 के तहत लागू किए जा रहे हैं. स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली नगर निगम इसे लागू करने जा रही है. फिलहाल इसे लेकर एमसीडी रेगुलेशन बना रही है. मोदी सरकार के साफ-सफाई अभियान के तहत ना सिर्फ जुर्माने का प्रावधान दिया गया है बल्कि लोगों से कूड़ा उठाने को लेकर भी पैसे देने होंगे.

एमसीडी (कूड़ा) एमसीडी (कूड़ा)
रोहित मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2017,
  • अपडेटेड 6:35 AM IST

देश की राजधानी के सड़कों पर कूड़ा फैलाने से लेकर खुले में शौच करने पर अब जुर्माना देना होगा. ये नियम केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग) रूल्स-2016 के तहत लागू किए जा रहे हैं. स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली नगर निगम इसे लागू करने जा रही है. फिलहाल इसे लेकर एमसीडी रेगुलेशन बना रही है. मोदी सरकार के साफ-सफाई अभियान के तहत ना सिर्फ जुर्माने का प्रावधान दिया गया है बल्कि लोगों से कूड़ा उठाने को लेकर भी पैसे देने होंगे.
दिल्ली नगर निगम ने इसके मद्देनजर सोमवार को सदन में प्रपोजल भी पेश किया था लेकिन उसे वापस लौटा दिया गया. जबकि एमसीडी इससे बचती नजर आ रही है लेकिन केन्द्र सरकार के नए नियम के मुताबिक ये शुल्क लेना जरूरी हो जाएगा. ऐसे में जहां एक तरफ एमसीडी प्रापर्टी टैक्स को ठीक से वसूल नही पा रही है वहां वे कुड़ा उठाने के लिए सूविधा शुल्क कैसे वसूलेंगे ये बड़ा सवाल है.

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दरअसल एमसीडी को केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग) रूल्स-2016 के तहत सुविधा शुल्क लेना ही होगा. इसे प्रॉपर्टी टैक्स की कैटेगरी के हिसाब से लिया जाएगा. मतलब ए कैटिगरी पर सबसे अधिक होगा और एच कैटिगरी पर सबसे कम. जिनसे यह शुल्क वसूला जाएगा, उनमें घरों, दुकानों, गेस्ट हाउसों से लेकर सिनेमा हॉल से लेकर मॉल्स तक शामिल हैं. जहां एमसीडी को वेस्ट मैनेजमेंट करने के लिए हर घर से कूड़ा उठाना होगा. वहीं गीले और सुखे को अलग-अलग किया जा सकेगा. हालांकि इसके लिए लोगों से सूविधा शुल्क देने का प्रावधान है. एमसीडी इसे लेकर असमंजस में है. उतरी दिल्ली नगर निगम की मेयर प्रीति अग्रवाल ने कहा है कि लोगों को ज्यादा समस्या न हो इसलिए कुछ बदलाव की बात कही गई है.

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जिनसे यह शुल्क वसूला जाएगा, उनमें घरों, दुकानों, गेस्ट हाउसों से लेकर सिनेमा हॉल से लेकर मॉल्स तक शामिल हैं. घरों के लिए यह शुल्क 50 रुपये से लेकर 150 रुपये तक प्रतिमाह होगा, जबकि दुकानों के लिए इसकी राशि 200 से 500 रुपये तक रखी गई है. सबसे अधिक शुल्क मॉल्स पर लगेगा. यह 15,000 रुपये से लेकर 30 हजार रुपये प्रतिमाह तक होगा. जिन संस्थानों से यह शुल्क वसूला जाएगा उन्हें 16 कैटेगरी में बांटा गया है.

सिर्फ इतना ही नहीं. सुविधा शुल्क में इस बात का भी जिक्र है कि निश्चित धनराशि न देने पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा. इसके अलावा उस पर रोजाना जुर्माना भी लगता रहेगा. रिहायशी प्रॉपर्टी पर पैनल्टी 20 रुपये होगी और उसके बाद न देने पर रोजाना पांच रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा. वहीं कूड़ा फैलाने से खुले में शौच तक के लिए जुर्माना 500 रूपये तक होगा.

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