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Opinion: पेंटागन की रिपोर्ट से कटघरे में पाकिस्तान

पाकिस्तान के बारे में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में दो टूक शब्दों में कहा है कि वह भारत की बेहतर सैन्य शक्ति का मुकाबला करने के लिए आतंकवादियों को आगे बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं वह अफगानिस्तान में अस्थिरता पैदा करने के लिए भी इस तरह की ताकतों का इस्तेमाल कर रहा है.

अमेरिकी ध्वज अमेरिकी ध्वज
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST

पाकिस्तान के बारे में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में दो टूक शब्दों में कहा है कि वह भारत की बेहतर सैन्य शक्ति का मुकाबला करने के लिए आतंकवादियों को आगे बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं वह अफगानिस्तान में अस्थिरता पैदा करने के लिए भी इस तरह की ताकतों का इस्तेमाल कर रहा है.

100 पन्नों से भी ज्यादा लंबी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान के हेरात में भारतीय दूतावास पर हमले में भी पाकिस्तानी एजेंटों का हाथ था. पेंटागन ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को अफगानिस्तान और भारत के खिलाफ अभियान के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने दे रहा है जिससे अफगानिस्तान की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय संतुलन पर खतरा पैदा हो सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अफगानिस्तान में समझौते के पाकिस्तान की प्रतिबद्धता के खिलाफ है.

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यह रिपोर्ट इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह पहला मौका है कि पेंटागन ने खुले आम पाकिस्तान पर यह गंभीर आरोप लगाया है कि पड़ोसी देशों में आतंकी हमलों और वहां अस्थिरता पैदा करने में उसकी बड़ी भूमिका है. यह कोई नई बात नहीं है लेकिन बड़ी बात यह है कि पेंटागन ने यह आरोप लगाया है जिसे उस इलाके में होने वाली हर घटना और हलचल का इल्म है.

भारत ने अंतर्राष्ट्रीय जगत के सामने न जाने कितना बार इस बात को रखा लेकिन किसी भी बड़े देश ने कभी भी उन पर ध्यान नहीं दिया. भारत ने अमेरिका को यह भी बताया था कि उसके दिए धन और हथियारों का बेजा इस्तेमाल करके भारत के खिलाफ साजिश की जा रही है. लेकिन अमेरिका ने कभी उन बातों पर ध्यान नहीं दिया लेकिन अब पानी सिर से ऊपर हो गया है तो पेंटागन ने भी यह मान लिया कि पाकिस्तान आतंकियों का अड्डा बन गया है जो भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं.

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रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पाकिस्तान को भारत-अफगानिस्तान की मित्रता खटक रही है और वह उस क्षेत्र को अस्थिर करना चाहता है. अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की सरकार और आईएसआई इस षड्यंत्र में मिले हुए हैं. कमजोर नवाज शरीफ अब फौज के सामने पहले वाली ताकत नहीं रखते और आईएसआई का एक धड़ा उनकी बातें नहीं सुनता. उनके लिए ये सिरदर्द साबित हो रहे हैं. अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए वह उनकी हरकतों पर चुप रह जाते हैं. उनके लिए आईएसआई और पाकिस्तान फौज के टट्टु आतंकियों पर नियंत्रण करना आसान नहीं है.

पेंटागन की इस रिपोर्ट के बाद यह उम्मीद की जा सकती है कि अमेरिका पाकिस्तान पर सख्ती करेगा और इसका सीधा तरीका है उसे दी जाने वाली मदद में भारी कटौती. पाकिस्तानियों को दी जाने वाली अमेरिकी मदद का एक हिस्सा भारत के खिलाफ साजिश में लगता है. उससे ही हथियार खरीदे जाते हैं और आतंकियों को पाला पोसा जाता है. अगर अमेरिका पाकिस्तान को आर्थिक मदद देना बंद कर देगा तो उसके लिए प्रॉक्सी वॉर करना असंभव हो जाएगा. अब गेंद अमेरिकी नीतिकारों के पाले में है. देखना है कि वे इस क्षेत्र में स्थिरता को कितना महत्व देते हैं.

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