
विरोधी दल बीजेपी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से माफिया डॉन शहाबुद्दीन की फोन पर बातचीत की पूरी जानकारी थी, इसके बावजूद भी उनकी सरकार गिर ना जाए इसी डर से उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखी.
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि लालू और शाहबुद्दीन की बातचीत की पूरी जानकारी होने के बावजूद भी नीतीश कुमार ने तत्काल कार्रवाई नहीं की क्योंकि वह लालू को वक्त आने पर घुटने पर झुकाना चाहते थे ताकि उनके प्रधानमंत्री बनने के सपने का लालू विरोध ना कर सकें.
लालू और शाहबुद्दीन की फोन पर हुई बातचीत को लेकर मोदी ने नीतीश कुमार से छह सवाल भी किए हैं-
1. पिछले तीन वर्षों से माफिया डॉन सीवान जेल से समानांतर सरकार चला रहा था तो आपने रोका क्यों नहीं?
2. 2015 विधान सभा चुनाव में महागठबंधन के नेताओं ने शहाबुद्दीन की मदद क्यों ली?
3. पटना उच्च न्यायालय में आधे दर्जन मामलों में शहाबुद्दीन की जमानत का विरोध करने के लिए शराबबंदी के समान वरिष्ठ अधिवक्ताओं को क्यों नहीं खड़ा किया? परिणमतः सभी मामलों में शहाबुद्दीन को जमानत दिलवाने में नीतीश सरकार ने मदद की है.
4. सर्वोच्च न्यायालय में शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने के लिए नीतीश-लालू सरकार प्रशांत भूषण की याचिका दाखिल करने का इंतजार क्यों करती रही?
5. श्री अब्दूल गफूर सीवान जेल में शहाबुद्दीन से मिलने गए तो उक्त मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
6. शहाबुद्दीन के तिहाड़ जेल ट्रांसफर के समय सर्वोच्च न्यायालय में सरकार चुप क्यों रही?
बीजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार को लालू-शहाबुद्दीन के बीच बातचीत की गृहमंत्री के नाते पूरी जानकारी थी, लेकिन सरकार गिरने के डर से लालू-शहाबुद्दीन से समझौता कर लिया.