
कर्नाटक की जीत से पूरा विपक्ष उत्साहित है. उसे लगता है कि कर्नाटक की जीत 2019 में उसके लिए संजीवनी का काम करेगी. इधर बीजेपी आगे की रणनीति बनाने में लग गई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बहुत पहले से 2019 की तैयारियों में लगे हैं. अगले तीन महीनों के लिए पार्टी ने जबर्दस्त योजना तैयार की है.
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके मुताबिक अगले तीन महीनों में 22 करोड़ लोगों से संपर्क किया जाएगा.
पिछले हफ्ते पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्यों की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया था कि चुनावों से पहले समाज के सभी वंचित तबकों तक संपर्क बनाया जाए.
सूत्रों के मुताबिक खासकर इस बात के लिए प्रयास किया जाएगा कि विरोधी दलों द्वारा बीजेपी की जो दलित, अल्पसंख्यक, किसान और महिला विरोधी छवि बनाई जा रही है उसे सख्ती से खारिज किया जाए और ऐसे काम किए जाएं जिससे इस छवि में बदलाव आ सके.
दोनों नेताओं ने इसलिए खासकर दलित, महिला, किसान, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेताओं से कहा कि लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करें और उनसे सुझाव मांगें, ताकि पार्टी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए रास्ता निकाल सके.
सूत्रों के अनुसार पहली बार ऐसा हुआ है कि बीजेपी के सभी सातों प्रकोष्ठों के नेताओं की बैठक हुई है जिसे मोदी और शाह दोनों ने संबोधित किया हो.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस तरह के प्रयास से बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को भी दुरुस्त कर पाएगी.
इस बैठक में पार्टी की महिला मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि देश के 20 राज्यों में अगर बीजेपी या बीजेपी गठबंधन की सरकार है तो यह उसके नेताओं की रणनीतिक कुशलता और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की समय से पहले आक्रामक तरीके से काम करने की वजह से है. बीजेपी की आक्रामकता और पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का मुकाबला अगर विपक्ष नहीं कर पाता है, तो महज तमाम दलों का एक कुनबा बना लेने से बहुत फर्क नहीं पड़ने वाला.
तो जब तमाम दल कर्नाटक की जीत का जश्न मना रहे हैं, इस बीच बीजेपी ने चुपचाप आगे का खाका तैयार कर लिया है और अगले तीन महीने में वह 22 करोड़ लोगों तक पहुंच बनाकर उनको अपना मुरीद बनाने की कोशिश करेगी.
(mail today से साभार )