
मोदी सरकार का नोटबंदी फैसला देश के अधिकांश विपक्षी दलों को नागवार गुजरा है. इसी के मद्देनजर कांग्रेस समेत देश के 16 राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से आज मुलाकात करेंगे. नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरने में जुटी है. कांग्रेस का नोटबंदी को लेकर ऐसा मानना है कि नोटबंदी का फैसला भले ही सही हो लेकिन इसे लागू करने की प्रक्रिया ने आम आदमी और गरीब किसान मजदूरों की कमर तोड़ दी है.
नोटबंदी और संसद में बहस पर क्या कहते हैं कांग्रेस नेता?
कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं कि ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि विपक्ष अपनी बात कहना चाहता है और सरकार के सांसद पोस्टर-बैनर लेकर हंगामा करने लगते हैं. इसका साफ मतलब है कि सरकार सदन में बहस से भाग रही है. वे कहते हैं कि सरकार के लिए पहले कालाधन मुद्दा था. अब वह आतंकवाद पर आ गई. सरकार आए दिन गोलपोस्ट बदल रही है. वे तो अगस्तावेस्टलैंड समेत सारे मुद्दों पर बहस के लिए तैयार हैं. वे कहते हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार उन्हें बोलने नहीं देती.
16 विरोधी दलों के लिए मोदी विरोध है बड़ा मुद्दा
ऐसा माना जाता है कि 16 विरोधी दलों को राहुल का नेतृत्व भले ही रास न आता हो लेकिन मोदी विरोध के नाम पर वे राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ हैं. राहुल भी प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इन सारे दलों का नेतृत्व व समर्थन हासिल कर चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का मानना है कि जनता की परेशानियों पर राहुल पूरे देश में आंदोलन चलाएंगे.
संसद का सत्र खत्म होते ही राहुल देश भर में करेंगे रैली
नोटबंदी मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की सक्रियता और गंभीरता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 16 दिसंबर को शाम 6:30 बजे वे साउथ गोवा में रैली करेंगे. 17 दिसंबर को वे कर्नाटक के बेलगाम में रैली करेंगे. 19 दिसंबर को वे उत्तर प्रदेश के जौनपुर में होंगे. 21 तारीख को गुजरात के मेहसाणा में होंगे तो 22 तारीख को वे यूपी के बहराइच शहर में होंगे. इतना ही नहीं वे 23 दिसंबर को देहरादून के परेड ग्राउंड में एक बड़ी रैली करने का प्लान कर रहे हैं.
राहुल ने अपनी पार्टी के नेताओं को नोटबंदी फैसले की मुखालफत करने का संदेशा दिया है. वे इसे फेल ही नहीं बल्कि आपदा मानते हैं. उनका मानना है कि नोटबंदी के फैसले की वजह से जनता को परेशानी हुई है और वे देश भर में घूमकर जनता से इस मुद्दे पर संवाद स्थापित करना चाहते हैं.