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राज्यसभा में उठा सवाल-क्या बंद हो रहे हैं 2000 के नोट? जेटली चुप

 विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या सरकार ने हाल ही में शुरू किए गए 2000 रुपये के नोट बंद करने का तथा 1000 रुपये के सिक्के शुरू करने का फैसला किया है.

अरुण जेटली, वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त मंत्री
विजय रावत/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 5:44 PM IST

विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या सरकार ने हाल ही में शुरू किए गए 2000 रुपये के नोट बंद करने का तथा 1000 रुपये के सिक्के शुरू करने का फैसला किया है. बहरहाल, सदन में मौजूद वित्त मंत्री जेटली ने सदस्यों की इस मांग पर कुछ नहीं कहा. शून्यकाल शुरू होने पर सपा के नरेश अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए सरकार से जानना चाहा कि क्या वह 2000 रुपये का नोट बंद करने जा रही है.

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अग्रवाल ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि सरकार ने 2000 रुपये का नोट बंद करने का फैसला किया है और भारतीय रिजर्व बैंक को 2000 रुपये के नोटों का मुद्रण न करने का आदेश दिया गया है. अग्रवाल ने कहा कि ऐसी परंपरा रही है कि संसद सत्र के दौरान सरकार अगर कोई नीतिगत निर्णय लेती है तो उसके बारे में संसद को सूचित किया जाना चाहिएउन्होंने कहा कि अब तक 2000 रुपये के 3.2 लाख करोड़ नोट आरबीआई मुद्रित कर चुका है और अब आरबीआई ने इनका मुद्रण बंद कर दिया है. एक बार नोटबंदी की जा चुकी है और दूसरी बार ऐसा करने की योजना है. वित्त मंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह आरबीआई की कार्रवाई है. तब अग्रवाल ने कहा कि पिछली बार नोटबंदी का फैसला सरकार ने लिया था, आरबीआई ने नहीं. उन्होंने कहा आरबीआई बोर्ड ने तो विरोध किया था लेकिन सरकार ने फैसला किया था. पिछली बार फैसला सरकार ने किया था तो इस बार भी फैसला सरकार का ही होगा.

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अग्रवाल से सहमति जताते हुए सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने जानना चाहा कि क्या सरकार 1000 रुपये के सिक्के जारी करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा कि हर दिन हम खबरों में पढ़ते हैं कि 100 रुपये, 200 रुपये और 1000 रुपये के सिक्के शुरू किए जाएंगे. वास्तविकता क्या है? क्या हमें खबरों पर भरोसा करना चाहिए? उन्होंने जेटली से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कीआजाद ने कहा कि क्या हमें 1000 रुपये के सिक्के मिलने वाले हैं. हमें इन सिक्कों को ले जाने के लिए थैलों की व्यवस्था करनी होगी. हमारी बहनों के पास बटुए होते हैं.

हमें भी बटुओं की व्यवस्था करनी होगी, इन सिक्कों को रखने के लिए.द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि वह मीडिया की खबरों पर पूरी तरह भरोसा नहीं करते और सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण चाहते हैं. जेडीयू के शरद यादव ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और अफवाहें फैल रही हैं. सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए वरना लोग 2000 रुपये के नोट लौटाना शुरू कर देंगे.

 

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