
जब से यह खबर आई कि अखिलेश यादव सरकार के मंत्री जेब खर्च के नाम पर करोड़ों रुपये उड़ा रहे हैं, विपक्ष ने हमलावर होकर समाजवादी पार्टी सरकार को घेर लिया है.
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात सामने आई थी कि पिछले 4 वर्षों में यूपी के मंत्रियों ने जेब खर्च पर 8 करोड़ 78 हजार रुपये खर्च कर डाले. कांग्रेस पार्टी की विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में बाढ़ और भुखमरी की स्थिति है और दूसरी तरफ सपा सरकार के मंत्री जेब खर्च के नाम पर इस तरह से फिजूलखर्ची कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि मंत्री इस तरह से फालतू खर्च ना करें.
'ये खर्च तो बहुत ज्यादा है'
बीजेपी नेता सुरेश खन्ना ने भी सत्तासीन सपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'मंत्रियों द्वारा थोड़ा बहुत खर्च तो समझ में आता है, लेकिन करोड़ों रुपये का खर्च बहुत ज्यादा है. मुख्यमंत्री को ध्यान देना चाहिए कि मंत्री इस तरफ से फिजूलखर्ची ना करें.'
मंत्री बोलीं- काम किया, इसलिए खर्च हुए
दिलचस्प बात यह है कि जिन मंत्रियों ने जेब खर्च के नाम पर करोड़ों रुपये उड़ाए हैं, उन्हें इसका जरा भी अफसोस नहीं है. जेब खर्च के नाम पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाली मंत्री हैं अरुण कुमार कोरी. वह संस्कृति राज्यमंत्री हैं. उन्होंने जेब खर्च के नाम पर 22 लाख 94 हजार रुपये खर्च किए हैं. लेकिन इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ज्यादा जेब खर्च को अपने काम से जोड़ा और कहा कि जो ज्यादा काम करेगा, वही ज्यादा खर्च करेगा. कोरी का दावा है कि उन्होंने सबसे ज्यादा दौरे किए हैं और इसलिए उनका खर्च ज्यादा है.
12 मंत्री ने खर्चे 20 लाख से ज्यादा
विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अखिलेश सरकार में 12 ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने पिछले 4 सालों में जेब खर्च के नाम पर 20 लाख से ज्यादा रुपये खर्च किए हैं. इनमें अरुण कुमार कोरी के अलावा आजम खान, कैलाश चौरसिया, शिव कुमार बेरिया, अरविंद कुमार सिंह गोप, जगदीश सोनकर, रामकरण आर्य, शाहिद मंजूर, ओम प्रकाश सिंह, कमाल अख्तर, राममूर्ति वर्मा और फरीद अहमद शामिल हैं.
शिवपाल और मेहरोत्रा ने पेश की नजीर
अखिलेश के मंत्रियों में शिवपाल यादव और रविदास मेहरोत्रा जैसे मंत्री भी हैं, जिन्होंने जेब खर्च के नाम पर सरकार से कोई पैसा नहीं लिया. राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के हर मंत्री को प्रदेश में यात्रा करने के दौरान ढाई हजार रुपये प्रतिदिन और राज्य के बाहर लेकिन देश में यात्रा करने पर 3000 रुपये प्रतिदिन का जेब खर्च मिलता है.