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सब्सिडी का बोझ करने के लिए अब रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को रिजर्व टिकट पर मिलने वाली रियायत छोड़ने का विकल्प देना शुरू कर रहा है. पिछले वित्त वर्ष में रेलवे को सीनियर सिटीजन कैटेगरी में 1,100 करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर खर्च करने पड़े थे.
वित्त वर्ष 2015-16 में 4 करोड़ 65 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे में सफर किया, जिनमें से 14,72,476 ने रियायत का फायदा नहीं लिया था. यानी 3.06 फीसदी वरिष्ठ नागरिकों ने रिजर्व टिकट पर मिलने वाली रियायत का फायदा नहीं लिया था.
वरिष्ठ नागरिकों की सब्सिडी का बोझ सबसे ज्यादा
पिछले वित्त वर्ष में रेलवे ने अलग-अलग श्रेणियों में दी जाने सब्सिडी पर 1600 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जिनमें वरिष्ठ नागरिकों, खेल पुरस्कार विजेताओं और कैंसर मरीजों सहित अन्य को दी जाने वाली सब्सिडी की
राशि शामिल है. इनमें से 1100 करोड़ रुपये सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों की सब्सिडी पर खर्च हुए.
ऑनलाइन फॉर्म में दिया जा रहा है ऑप्शन
रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक जमशेद मुहम्मद ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों की टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन फॉर्म में रियायत न लेने का विकल्प दिया जा रहा है. इस फॉर्म में वरिष्ठ नागरिकों को विकल्प दिया जाएगा कि वे सब्सिडी लेना चाहते हैं या नहीं.
महिलाओं को 50 और पुरुषों को मिलती है 40 फीसदी रियायत
वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी के तहत महिला यात्रियों को 50 जबकि पुरुष यात्रियों को 40 फीसदी रियायत दी जाती है. इस श्रेणी के तहत रियायत हासिल करने के लिए महिलाओं की उम्र कम से कम 58 जबकि पुरुषों
की उम्र 60 साल होनी चाहिए.
टिकट पर दी जा रही है सब्सिडी की जानकारी
रेलवे ट्रेन के सफर पर होने वाला पूरा खर्च टिकट पर छापना शुरू पहले की कर चुका है, जिससे यात्रियों को यह पता चल रहा है कि रेलवे उनकी यात्रा पर कितनी सब्सिडी दे रहा है.